
दिल्ली/एनसीआर/- मॉनसून की विदाई के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का खतरा बढ़ने लगा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। दिल्ली में कल यानी 01 अक्टूबर से ग्रेप लागू किया जाएगा। इसी के साथ गाड़ियों से लेकर कंस्ट्रक्शन के काम समेत कई निययों में बदलाव लागू हो सकते हैं।
दिल्ली एनसीआर में प्रदुषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने सभी विभागों को अलर्ट कर दिया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास एंड रिसर्च के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स ’मध्यम’ श्रेणी में है लेकिन 2 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूंचकांक ’खराब’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। हालांकि अभी दिल्ली में औसतन वायु गुणवत्ता अभी मध्यम श्रेणी में है। वहीं मौसम विभाग ने 4 अक्टूबर को दिल्ली में बूंदाबादी या हल्की बारिश होने की भी बात कही है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अब ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी जीआरएपी को लागू करने की तैयारी चल रही है। 1 अक्टूबर से इसे लागू किया जा सकता है। ग्रेप को पर्यावरण मंत्रालय ने 2017 में नोटिफाइड किया था। हालांकि इसे 15 अक्टूबर से लागू किया जाता है. लेकिन सीएक्यूएम के निर्देशों के तहत इसे 15 दिन पहले से भी लागू किया जा सकता है, ताकि हवा में प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वो को रोका जा सके और दिल्लीवासियों को स्वच्छ पर्यावरण मुहैया कराया जा सके। इसमें कई बदलावों को भी शामिल किया गया है। नए नियम में अब तीन दिनों के पूर्वानुमान के आधार पर प्रदूषण करने वाली गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी। पहले पीएम 2.5 व पीएम 10 का एक निश्चित स्तर पर पहुंचने पर रोक लगाई जाती थी।
सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट के स्वच्छ वायु कार्यक्रम के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक विवेक चट्टोपाध्याय का कहना है कि जब तक मौसमी परिस्थितियां हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में सहायक नहीं होतीं, तब तक पहले से की जा रही इस तरह की कार्रवाई से प्रदूषण पर नियंत्रण होना चाहिए। एजेंसियां को अपनी आधारभूत स्तर की कार्रवाई को मजबूत करना चाहिए ताकि आपातकालीन उपायों को लागू करने की जरूरत नहीं हो। इस कड़ी में सीएनजी ट्रक चलाने चाहिए।
चार चरणों में वर्गीकृत-
ग्रेप को अब वायु गुणवत्ता के चार चरणों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। पहले चरण के तहत एक्यूआई 201 से 300 पहुंचने पर खराब, दूसरे चरण में एक्यूआई 301-400 पहुंचने पर बहुत खराब, तीसरे चरण में एक्यूआई 401-450 पहुंचने पर गंभीर और चौथे चरण में एक्यूआई 450 से अधिक पहुंचने पर बेहद गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अलग-अलग चरणों में प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है।
केजरीवाल ने एक्शन प्लान किया जारी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कार्य योजना की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि सरकार इस साल करीब 5,000 एकड़ में पराली पर पूसा बायो डीकंपोजर का छिड़काव करेगी। दिल्ली सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए 233 एंटी-स्मॉग गन और 150 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लगाएगी। सरकार ने एक ग्रीन रूम भी विकसित किया है जिसमें नौ वैज्ञानिक विशेषज्ञ शामिल हैं जो स्थिति की निगरानी करेंगे। सरकार ने आईआईटी-कानपुर के साथ साझेदारी में राउज एवेन्यू में एक सुपरसाइट बनाई है, जो वास्तविक समय में हवा की गुणवत्ता की निगरानी करती है और पूर्वानुमान भी लगाती है। सरकार ने खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए 611 टीमों का गठन किया है और धूल विरोधी अभियान चलाएगी। सरकार ने पटाखा प्रतिबंध को लागू करने के लिए टीमों का भी गठन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ई-कचरा पार्क बनाने की भी प्रक्रिया में है, जहां राष्ट्रीय राजधानी से एकत्र किए गए इलेक्ट्रॉनिक कचरे को संसोधित किया जाएगा।
स्टेज 1 पर लगती हैं ये पाबंदियां
-कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू होंगे।
-सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा।
-खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा।
-जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी।
-पीयूसी के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा. गाड़ियां बिना पीयूसी के नहीं चलेंगी।
-एनसीआर में कम से कम बिजली कटौती होगी. डिजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा।
स्टेज 2 पर लगती हैं ये पाबंदियां
-हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा। होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा।
-अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डिजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा।
-लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी।
-इलेक्ट्रिक या सीएनजी बसें और और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे।
स्टेज 3 पर लगती हैं ये पाबंदियां
-हर दिन सड़कों की सफाई होगी। साथ ही पानी का छिड़काव भी होगा।
-अस्पताल, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी कुछ जगहों को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी बंद हो जाएगी।
-ईंधन पर नहीं चलने वालीं इंडस्ट्रियां भी बंद हो जाएंगी।मिल्क-डेरी यूनिट और दवा और मेडिसिन बनाने वाली इंडस्ट्रियों-फैक्ट्रियों को छूट रहेगी।
-दिल्ली-एनसीआर में माइनिंग भी बंद हो जाएगी। स्टोन क्रशर और ईंट भट्टियों का काम भी बंद हो जाएगा।
-बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल पर चलने वाली कारों को लेकर प्रतिबंध आ सकते हैं।
स्टेज 4 पर होती हैं ये पाबंदियां
-दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी। सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले ट्रक आ सकेंगे। दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी गुड व्हीकल्स के चलने पर प्रतिबंध। जरूरी सामान ढोने वाले व्हीकल को छूट रहेगी।
-दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल पर चलने वाली कारों पर प्रतिबंध रहेगा। सिर्फ बीएस-4 इंजन गाड़ियों और जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों को छूट रहेगी।
-इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी। कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी पर भी रोक रहेगी। सिर्फ हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ब्रिज, पाइपलाइन बनाने का काम चलता रहेगा।
-एनसीआर में राज्य सरकार के दफ्तरों में सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारी ही आ सकेंगे। बाकी घर से काम करेंगे। केंद्र के कर्मचारियों का फैसला केंद्र सरकार करेगी।
-स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान और गैर-जरूरी कमर्शियल एक्टिविटी को बंद या चालू रखने पर सरकार फैसला लेगी।
प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने पिछले 7 सालों में मिलकर दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने के लिए बहुत सारे उपाय किए हैं और बहुत मेहनत की है। नतीजा यह है कि भारत सरकार का क्लीन एयर प्रोग्राम बताता है (एनसीएपी) 2017-18 के 2021-22 में दिल्ली के वायु प्रदूषण में काफी सुधार हुआ है। दिल्ली के सीएम ने कहा कि हमें 10 बड़े कदम उठाए, जिसके चलते वायु प्रदूषण में काफी हद तक सुधार हुआ है।
अरविंद केजरीवाल ने गिनवाए ये 10 कदम
-दिल्ली में 24 घंटे बिजली की वजह से जनरेटर चलने बंद हो गए और प्रदूषण में कमी आई।
-दिल्ली में दोनों थर्मल पावर बंद किए गए। अब दिल्ली में कोई कोयला आधारित पावर प्लांट नहीं हैं।
-डस्ट पोलूशन पर कड़ी कार्रवाई की गई, कंस्ट्रक्शन साइट पर जहां पर नियमों की अनदेखी हुई तो भारी जुर्माना लगाया गया। साथ ही रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के लिए वेब पोर्टल बनाया गया।
-अब सभी रजिस्टर्ड इंडस्ट्री में पाइप्ड नेचुरल गैस इस्तेमाल होती है, जो प्रदूषण नहीं करती।
-दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ रहा है, दिल्ली सरकार जब बनी थी तब 20 प्रतिशत ग्रीन कवर था अब 23.6 प्रतिशत है।
-इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिस लेकर लागू की गई, लोग अब इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद रहे हैं।
-पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया, नई बसें जोड़ी हैं-स्मोग टावर का पायलट प्रोजेक्ट किया था, उसका भी अच्छा असर हुआ है।
-ग्रेप लागू किया जा रहा है।
-केंद्र सरकार ने पेरिफेरल रोड बनाए जिसकी वजह से ट्रक दिल्ली से कम गुजरते हैं। बाहर से ही निकल जाते हैं जिसकी वजह से बहुत मदद मिलीं।
दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान भी किया तैयार
-पराली के मैनेजमेंट के लिए पूसा द्वारा तैयार किया गया बायो डी कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। पिछले साल 4,000 एकड़ में इसका छिड़काव किया गया था, इस बार 5,000 एकड़ में किया जाएगा।
-डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 6 अक्टूबर से दजप-कनेज अभियान चलाया जाएगा। 500 स्क्वायर मीटर से ज्यादा जो कंस्ट्रक्शन साइट हैं उनके लिए अब कंपलसरी होगा कि सरकार के वेब पोर्टल पर रजिस्टर करें और डस्ट कंट्रोल की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगीं 586 टीमों का गठन किया गया है, जो कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर मॉनिटरिंग करेंगी।
-5000 स्क्वायर मीटर से ज्यादा के एरिया वाली कंस्ट्रक्शन साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत पूरी दिल्ली में 233 एंटी स्मोग गन लगाई जा रही हैं।
-सड़क पर उड़ने वाली धूल को कंट्रोल करने के लिए 80 डस्ट स्वीपिंग मशीन लगाई हैं, 521 मशीनें पानी का छिड़काव करेंगी।
-150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई जा रही हैं ताकि सड़कों से उड़ने वाली धूल को कंट्रोल किया जा सके।
-वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पीयूसी की जांच और सख्त की जाएगी।
-10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़कों पर ना उतरे इसका पालन कराने के लिए सख्ती की जाएगा। इसे लागू करने के लिए 380 टीमें बनाई गई हैं।
-203 ऐसी सड़कें हैं जहां बहुत भीड़-भाड़ होती है, इसकी वजह से प्रदूषण होता है तो यहां पर भीड़भाड़ कम करने के लिए वैकल्पिक रूट तैयार किए गए हैं।
-खुले में कूड़ा जलाना प्रतिबंधित है और इसको रोकने के लिए 611 टीमों का गठन किया गया है। वहीं, 33 टीमों का गठन इसलिए किया गया है ताकि इसपर नजर रखी जा सके कि इंडस्ट्री में कोई पाइप नेचुरल गैस के अलावा दूसरा इंधन इस्तेमाल ना करें।
-पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। पटाखों के खरीदने, उसके भंडारण, बिक्री सब पर प्रतिबंध है। ऑनलाइन डिलीवरी भी नहीं हो सकती, इसको लागू कराने के लिए 210 टीमों का गठन किया गया है।
-पर्यावरण मित्र बनाए गए हैं, अभी तक 3500 से ज्यादा वॉलिंटियर्स ने इसके लिए रजिस्टर किया है। यह लोग समाज सेवा करेंगे और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे। अगर आप पर्यावरण मित्र बनना चाहते हैं तो 8448441758 पर मिस कॉल देकर इसमें शामिल हो सकते हैं।
-इलेक्ट्रॉनिक कूड़े के प्रबंधन के लिए एक ई-वेस्ट पार्क बन रहा है। उत्तर पश्चिम दिल्ली के होलंबी कला में 20 एकड़ में ई-वेस्ट पार्क बना रहे हैं। पूरी दिल्ली का इलेक्ट्रॉनिक कचरा वहां ले जाया जाएगा और साइंटिफिक तरीके से इसको प्रोसेस किया जाएगा।
-ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 42 लाख पौधे लगाने का टारगेट रखा गया था, पहले चरण में 33 लाख पेड़ लग चुके हैं, दूसरे चरण में 9 लाख पेड़-पौधे और लगाये जाएंगे।
-24×7 एक ग्रीन वार रूम बनाया जाएगा जो मॉनिटरिंग करेगां मॉनिटरिंग का काम 3 अक्टूबर से शुरू होगा, इसमें 9 मेंबर्स होंगे जो साइंटिफिक एक्सपर्ट होंगे और वह आंकलन करके अगले दिन का प्लान बनाएंगे।
-दिल्ली सरकार द्वारा ग्रीन दिल्ली ऐप बनाया गया था। अभी तक इस पर 53 हजार कंप्लेंट आ चुकी हैं। 90 फीसदी शिकायतों का समाधान हो चुका है। इस ऐप को डाउनलोड कर आप कहीं कचरा जलते हुए या प्रदूषण होते हुए देखते हैं या किसी वाहन का प्रदूषण देखते हैं तो शिकायत कर सकते हैं।
-दिल्ली में 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान की गई हैं इन पर नजर रखी जाएगी और पॉल्यूशन कम करने के उपाय किए जाएंगें।
-संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया गया है। इसके तहत एयर क्वालिटी का 3 दिन का फॉरकास्ट किया जाएगा।
-भारत सरकार, वायु गुणवत्ता आयोग, पड़ोसी राज्य सबके साथ मिलकर प्रदूषण कम करने की कोशिश की जाएगी।
इस बार एक कदम आगे बढ़कर की जाएगी सख्ती, लिए जाएंगे निर्णय-पिछले साल तक हवा में प्रदूषक कण 2.5 और पीएम 10 के खास स्तर तक पहुंच जाने के बाद ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाती रही है। लेकिन, इस बार एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदूषण के पूर्वानुमान के आधार पर प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। मौसम की स्थिति, हवा की गति, पराली जलाने की संख्या और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषण के आधार पर तीन दिन पहले से ही प्रदूषण का पूर्वानुमान किया जाएगा और इसी आधार पर निर्णय लिए जाएंगे।
नोएडाः वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई टीमें काम करेंगी
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कई टीमें काम करेंगी। पहली अक्तूबर से ग्रैप लागू होगा। इससे शहर में कई पाबंदियां लागू होंगी। ये पाबंदियां चरणबद्ध तरीके से वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए लगाई जाएंगी। गौतमबुद्ध नगर में 20 हजार के आसपास औद्योगिक इकाइयां हैं। वहीं नोएडा में सैकड़ों सोसाइटी में लोग रह रहे हैं। वायु प्रदूषण बढ़ने पर ये प्रभावित होंगे, क्योंकि इन स्थानों पर जनरेटर के चलाने पर रोक होगी। वहीं निर्माण कार्य, हॉट मिक्स प्लांट, ईंट भट्ठे, आदि बंद किए जाएंगे। इस बार पूर्वानुमान के आधार पर तीन दिन पहले ही पाबंदियां लागू की जा सकेंगी।
गाजियाबादः बड़ी निर्माण साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य
जनपद में तीन अक्तूबर को जिलास्तर पर ग्रैप की तैयारियों को लेकर बैठक होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी बड़ी निर्माणाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह गन 20 हजार वर्गमीटर से ज्यादा बड़े क्षेत्रफल की साइट पर लगाई जानी हैं। ग्रैप लागू होने के बाद बिना स्वच्छ ईंधन वाले उद्योगों एवं जेनरेटर के चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो जाएगा। इसी दिशा में वायु गुणवत्ता सुधार आयोग ने करीब छह महीने पहले जनपद के सभी औद्योगिक संगठनों को आदेशित किया था कि 30 सितंबर तक सभी उद्योगों में पीएनजी ईंधन का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
फरीदाबादः चालान करने के लिए जिले में 20 टीम गठित की गईं
एक अक्टूबर से लागू हो रहे ग्रैप को लेकर नगर निगम ने 20 टीमों का गठन किया है। यह टीम कूडा जलाने वालों के चालान करेंगी। साथ ही खुले में निर्माण सामग्री रखने वालो पर भी शिकंजा कसेगी। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग सहित सोसायटियों को जनरेटर का इस्तेमाल नही करने के निर्देश दिए है। नगर निगम ने वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए पांच जगह एंटी स्मॉग गन लगाने का काम शुरू कर दिया है और दो एंटी स्मॉग गन को वाहनों पर लगाया जा रहा है। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता ओपी कर्दम का कहना है कि ग्रैप को लागू करने को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
गुरुग्रामः निगम और प्रदूषण विभाग मिलकर काम करेंगे
प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) को सख्ती से लागू कराने के लिए प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों ने तेयारी शुरू कर दी है। निगम सहित प्रदूषण विभाग की एक दर्जन से ज्यादा टीमें इसके लिए सख्ती से काम करेंगी। ग्रैप के दौरान प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां करने वालों के चालान किए जाएंगे। मैकेनिकल स्वीपिंग का दायरा बढ़ाने सहित मुख्य सड़कों की अधिक से अधिक सफाई मैकेनिकल तरीके से ही की जाएगी। निगम और प्रदूषण विभाग की इनफोर्समेंट टीमें अपने-अपने क्षेत्र में खुले में निर्माण सामग्री रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।
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