नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली में बारिश के बाद बदले हालात में सरकार ने ऑड-ईवन योजना को रोका था लेकिन ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू रहने का संकेत दिया था। अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में ग्रैप-4 के तहत निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित उठाए गए कड़े कदम सीएक्यूएम के अगले आदेश तक लागू रहेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अपने अभियान को 30 नवम्बर तक बढ़ाने और आज से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान में 1202 टीमें तैनात की गई हैं। पर्यावरण मंत्री ने सोमवार को प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि एंटी डस्ट कैम्पेन से सम्बंधित टीमों ने अभी तक लगभग 20 हज़ार निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया और निर्माण स्थलों पर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर 1161 स्थलों को नोटिस और चालान जारी किया है। साथ ही, 2 करोड़ 47 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
डीपीसीसी को निर्देश दिया गया है कि कंस्ट्रक्शन एजेंसी को बुलाकर निर्देश दें कि मानदंडों का सही रूप में पालन करें। आज से पानी के छिड़काव में तेजी लाने को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा और 13 हॉटस्पाट की और कड़ाई से मानिटरिंग की जाएगी।
ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश पर विचार
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यदि वायु प्रदूषण का स्तर सिवियर प्लस कैटेगरी में पहुंचता है तो फिर सरकार ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश पर विचार करेगी और इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बारिश को लेकर आईआईटी कानपुर से प्रस्ताव मांगा गया है। उन्होंने जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार से भी सहयोग की उम्मीद जताई।
More Stories
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने हत्या के मामले में वांछित एक शातिर अपराधी को किया गिरफ्तार
कौन हैं कश्यप काश पटेल? ट्रंप के विश्वसनीय करीबी जो बन सकते है CIA चीफ
प्रियंका गांधी ने बताया कैसे करना चाहती है वायनाड की सेवा, जानिए
दिल्ली में फिर निर्भया जैसी घटना! कबाड़ी, भिखारी…ऑटो वाला ने पार की हैवानियत की सारी हदें
पप्पू यादव को लॉरेंस गैंग के नाम से फिर मिली धमकी, PA ने दर्ज करवाई शिकायत
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 836 अंक लुढ़का; फेड रिजर्व के फैसले पर सबकी नजर