दिल्ली पंचायत संघ ने दिल्ली सरकार से की महरौली में तोड़े गये मकानों की पुनः निशानदेही व उचित मुआवजे की मांग

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दिल्ली पंचायत संघ ने दिल्ली सरकार से की महरौली में तोड़े गये मकानों की पुनः निशानदेही व उचित मुआवजे की मांग

-दिल्ली पंचायत संघ ने मकानों को तोड़ने की कार्यवाही पर जताया रोष, राजनीतिक पार्टियों का मांगा समर्थन

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली़/शिव कुमार यादव/- दिल्ली पंचायत संघ ने महरौली में तोड़े जा रहे मकानों के खिलाफ अपना रोष प्रकट करते हुए दिल्ली सरकार से तोड़े गये मकानों की पुनः निशानदेही व उचित मुआवजा देने की मांग की है। पंचायत संघ ने सभी राजनीतिक पार्टियों से इस कार्यवाही पर पीड़ित लोगों के साथ खड़े होने की मांग भी की है।
                  पंचायत संघ ने कहा है कि जब कॉलोनियों का निर्माण होता है। कॉलोनाइजर कॉलोनी काटते हैं तब संबंधित शासन-प्रशासन खामोश रहकर इनको बनने देते हैं। इसमें आम आदमी फंसता है क्योंकि उनको जो पेपर तैयार कर दिये जाते हैं उसमें जो खसरा नंबर दर्ज है उसकी उनको जानकारी नहीं होती है कि जो प्लॉट खरीद रहे हैं वह खसरा नंबर वही है। इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत शामिल होती है। इसमें दोषी संबंधित शासन प्रशासन होता है और जब भवनों का निर्माण होता है उसमें भी संबंधित प्रशासन जिम्मेदार होता है उसमें कोई भी प्लाट मालिक को नहीं रोकता की यह प्लॉट या कॉलोनी अवैध है।

                 पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा है कि दिल्ली में जहां झुग्गी वहां मकान बन रहे हैं और वह भी फ्री। लेकिन इन लोगों ने मेहनत के पैसे से अपना आशियाना बनाया हैं। सिर्फ इन पर कार्रवाई करना ठीक नहीं है। इनके साथ-साथ उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए जिनके समय में ये मकान या कालोनियां बसी थी। असली गुनहगार वही है जो पैसा लेकर सब कुछ चुपचाप होने देते है और बाद में मरते बेचारे गरीब प्लॉट धारक है। पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव व सह प्रमुख सुनील शर्मा के साथ-साथ 360 गाँव खाप के सुरेश शौकीन ने दिल्ली सरकार व संबंधित शासन प्रशासन से मांग की है कि इन सभी मकान मालिकों को जैसे और कॉलोनियों को पैसे लेकर अधिकृत किया जा रहा है वैसे इन्हें भी अधिकृत करें। इसके साथ ही एमसीडी, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, एसडीएम और पुलिस प्रशासन की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए कि उस समय किन अधिकारीयों के समय में निर्माण हुआ। सिर्फ जिन्होंने प्लॉट खरीद कर मकान बनाए उन्हें दंड नहीं दिया जाना गलत है। संध ने दिल्ली सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिन कालोनियों में मकान तोड़े गए है उनकी पुनः निशानदेही कर उन्हे उचित मुआवजा देना चाहिए।

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