नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/शिव कुमार यादव/- दिल्ली पंचायत संघ दिल्ली प्रदेश ने रविवार को गांव नवादा में गांवों व अनाधिकृत कालोनियों के विकास के लिए 18 सूत्री मांगो को लेकर दिल्ली देहात के राजनेताओं व खापो के साथ पंचायत की। इसमें सर्व सम्मति से 18 सूत्री मांगो में दिल्ली देहात की जीवनदायी साहिबी नदी की स्वच्छता व अतिक्रमण से मुक्ति के लिए शामिल किया गया तथा 11 सदस्यीय समिति बना कर दिल्ली की तीनों पार्टी भाजपा, आप व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षों को मिल कर अपनी मांगो का ज्ञापन देना और देहात के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में माननीय उप राज्यपाल दिल्ली को ज्ञापन देने का प्रस्ताव पास किया गया।
पंचायत की अध्यक्षता चोः बलवान सिंह गहलोत पूर्व पार्षद ने की इसमें पूर्व परिवहन एवं विकास मंत्री देवेन्द्र सिंह शौकीन, पूर्व विधायक सुखबीर दलाल, कृष्ण पाल गहलोत, पूर्व पार्षद श्रीमती राजेश कर्ण यादव और खापो से आठ गाँव प्रधान सुरेश शौकीन, पालम 360 प्रधान रामकुमार सोलंकी, 28 गांव खाप के प्रधान राकेश चौधरी तिहाड गांव, छावला गांव प्रधान सुखबीर शौकीन, कपूर सिंह डागर मलिक पुर व वेद प्रकाश तंवर अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश सत्य सोधक समाज ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
प्रमुख मांगो में मालिकाना हक, हाऊस टैक्स, भवन उप नियम से बहार, सीलिंग प्रोपर्टी को खोलना, गांवों को व्यवसायिक श्रेणी में करना ओर वर्तमान में दिल्ली के सभी छात्र छात्राओं को कॉलेजो में शत प्रतिशत दाखिला देना है।
पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि सर्व प्रथम जहाँ हम 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं वहीं आज भी अंग्रेजों के समय से गांवों को लाल डोरा में बांध रखा है जिसे जल्द से जल्द हटा कर दिल्ली के गांवों को मालिकाना हक देने का काम करे सरकार। पूर्व मंत्री देवेन्द्र सिंह शौकीन व विधायकों, पाषदो ने गांवों पर हाऊस टैक्स, भवन उप नियम थोपें जानें पर नाराजगी जताई ओर सरकार से इन्हे तुरंत हटाने की मांग की। पालम 360 प्रधान रामकुमार सोलंकी व राकेश चौधरी 28 गांव प्रधान तिहाड गांव ने इन सभी ज्वलंत मुद्दों को लेकर महा पंचायत पालम गांव या तिहाड गांव में बुलाने की मांग की।
पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह व सह प्रमुख सुनील शर्मा ने आहवान किया कि गांवों व देहात के विकास के लिए राजनेताओं को एक मंच पर आना चाहिए क्योंकि अब गांव, किसान व देहात अपनी मांगोको लेकर खडा हो रहा है। चौधरी बलवान सिंह गहलोत ने कहा अब हम इस ज्ञापन के एक माह बाद सरकार की तरफ से कार्रवाई देखेंगे। उसके बाद गांवों की चोपाल में गांव संसद बुलाई जाएगी इसमें गांवों व किसानों से संवाद होगा। इसके बाद महा पंचायत में बड़े आदोलन के रूप में जंतर मंतर पर गांवों की संसद लगेगी।
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