दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्म प्रकाश की जयंती पर शुरू होगा आंदोलन

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December 23, 2024

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दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्म प्रकाश की जयंती पर शुरू होगा आंदोलन

-दिल्ली पंचायत संघ गांवों की मांगों को लेकर प्रत्येक गांव व सभी नेताओं के पास जाएगा- थान सिंह यादव

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली पंचायत संघ ने आज गांव नांगलोई सईदान में पंचायत प्रमुखों की बैठक की। इस मौके पर दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश की जयंती पर उनको नमन् करते हुए उनकी ओर से दिल्ली देहात, गांव, गरीब, ग्रामीण व किसानों के उद्धार करने के प्रयासों को याद किया।

इस मौके पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह शौकीन दिल्ली सरकार, पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव, सह प्रमुख सुनील शर्मा मादीपुर गांव, दिल्ली 360 गांव खाप की तरफ से सुरेश शौकीन, पंच प्रमुख ख्याला गांव राजकुमार यादव, नांगलोई सईदान गांव राजेंद्र शर्मा, पीरागढ़ी गांव प्रमुख विनोद शौकिन आदि प्रमुख उपस्थित हुए। देवेंद्र सिंह शौकीन ने दिल्ली देहात गांव गरीब ग्रामीण किसानों के हितों की अनदेखी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा पूर्व में देहात के दोनों मुख्यमंत्रियों ने देहात व किसानों के हितों के लिए बहुत काम किए और वह अन्य कार्य भी करना चाहते थे। उन मुद्दों को दिल्ली पंचायत संघ उठा रहा है।पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि पूर्व दोनों मुख्यमंत्रियों चौधरी ब्रह्म प्रकाश और साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली व दिल्ली देहात को बिजली, पानी, प्रदुषण, रोजगार, खेती किसानों की समस्याओं के निदान और उत्थान के लिए काम किया। हम उनके कार्यों व मांगों को लेकर चल रहे हैं और समय-समय पर शासन प्रशासन को इनसे अवगत करा रहे हैं। पंचायत संघ सह प्रमुख सुनील शर्मा ने कहा कि गांवों का शहर दिल्ली शासन प्रशासन की लापरवाही से स्लम बन रहा है। लिहाजा गांवों के साथ शासन प्रशासन का दोयम दर्जे का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

थान सिंह यादव कहा कि वह गांवों को मालिकाना हक देने, गांवों का हाउस टैक्स माफ करने, गांवों को व्यवसायिक श्रेणी में शामिल करने, गांवों को भवन उपनियम से बाहर करने, गांवों के ले-आउट प्लान तैयार करने, गांवों के लिए पार्किंग की व्यवस्था करने, गांवों की फिरनी सौ फुट चौड़ी करने, गांवों के बच्चों को स्कूलों, कॉलेजों में सौ फीसदी आरक्षण देंने, लैंड पुलिंग स्कीम खत्म करने, म्यूटेशन पुनः शुरू करने, रेवन्यू दस्तावेजों को उर्दू व फारसी से हिंदी में करने, गांवों के युवाओं को सरकार नौकरियों में सौ फीसदी आरक्षण देने, गांवों के जल स्रोतों को विकसित करने, बारात घर व पंचायत घर गांव वालों को सौंपने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे।

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