
मानसी शर्मा /- दशहरा को देखते हुए मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने बड़ा आदेश दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी विधायक और मंत्री को शस्त्र पूजन का आदेश दिया है। साथ ही सभी थानों के पदाधिकारी भी शस्त्र पूजा करेंगे। उन्होंने कहा कि ये परंपरा सालों से चलती आ रही है। हाथों में शस्त्र और शास्त्र दोनों होना चाहिए। सीएम मोहन ने कहा कि दशहरे में धूमधाम से शस्त्र पूजन किया जाएगा।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि हाथों में शस्त्र और शास्त्र को रखने वाली देवी अहिल्याबाई की राजधानी महेश्वर में वो खुद शस्त्र पूजन करेंगे। भाजपा सरकार की मंशा है कि शस्त्र पूजा के जरिेए समाज में सुरक्षा का संदेश दिया जाएगा।
आदेश देने का कारण क्या?
सीएम मोहन ने अहिल्याबाई के 300 वीं जयंती के मौके पर शस्त्र पूजन का आदेश दिया है। सीएम मोहन ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक शासन किया। साथ ही स्वयं स्वर्ण जड़ित तलवार लेकर रामपुर, गोहाद, महेश्वर युद्ध के समय सेना का नेतृत्व किया। बताया जाता है कि रानी अहिल्याबाई ने देशभर में तीर्थ स्थलों का निर्माण करवाया। उन्होंने बनारस का मणिकर्णिका गंगा घाट, सोमनाथ का शिव मंदिर,उज्जैन नासिक, रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी, अयोध्या, हरिद्वार, द्वारका, गया, बद्रीनारायण और सोमनाथ जैसे प्रसिद्ध तीर्थ पर मंदिर बनवाये थे।
सहेज कर रखे गए अहिल्याबाई के तलवार
जानकारी दे दें कि अहिल्याबाई के समय के किले में आज भी 20 से ज्यादा तलवार सुरक्षित रखी गई है। जो दो फुट से ज्यादा लंबी हैं, साथ ही बड़ी ढाल, तोप के गोले, किले के छेद में रखी जाने वाली 10 फुट लंबी बंदूकें और पालकी भी है। बता दें कि इस जगह स्वंय सीएम मोहन यादव पूजा करेंगे। साथ उनकी दो तलवारों का पूजन कल होलकर वंश के राजा खुद करेंगे। यहीं, मंच से मोहन यादव तमाम आदिवासी शास्त्रों के साथ पारंपरिक शास्त्रों की भी पूजा करेंगे। जिसमें आदिवासी धनुष बाण तीर कमान कुल्हाड़ी टांगिया भाले देखने को मिलेंगे।
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