दरिंदे को सजा-ए-मौतः ऐसे अपराधी को जीवित रखना बच्चों के लिए खतरा, फैसला सुनाने के बाद जज ने की टिप्पणी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 29, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दरिंदे को सजा-ए-मौतः ऐसे अपराधी को जीवित रखना बच्चों के लिए खतरा, फैसला सुनाने के बाद जज ने की टिप्पणी

-अंकल प्लीज छोड़ दो, घर जाने दो...नहीं चाहिए आइसक्रीम; वो गिड़गिड़ाती रही पर उसे तरस न आया

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गाजियाबाद/भावना शर्मा/- गाजियाबाद के मोदीनगर के एक गांव में 18 अगस्त 2022 को दुष्कर्म के बाद की गई नौ साल की बच्ची की हत्या के मामले में दोषी कपिल कश्यप (25) को पॉक्सो कोर्ट के जज अमित कुमार प्रजापति ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। उस पर 61 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। उसे 13 मार्च को दोषी करार दे दिया गया था। फैसला सुनाने के बाद जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे अपराधी को जीवित रखना बच्चों के लिए खतरा। कोर्ट ने इसे गंभीर से गंभीरतम अपराध की श्रेणी में रखा। इस केस में पुलिस ने जांच पूरी करके सिर्फ छह दिन में आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप तय होने के बाद कोर्ट ने पांच महीने 29 दिन में फैसला सुना दिया।
                  पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि कपिल घर के बाहर खेल रहीं ममेरी-फुफेरी छह और नौ साल की दो बहनों को आइसक्रीम दिलाने के बहाने साइकिल पर ले गया था। छोटी छूटकर भाग गई थी। बड़ी को शाहजहांपुर गांव में गन्ने के खेत में ले जाकर उसने दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी।

                  उसे कुछ लोगों ने बच्चियों को ले जाते हुए देखा था। पुलिस ने 19 को उसे गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर ही बच्ची का शव बरामद किया था। पुलिस ने 14 गवाह पेश किए। इनमें सबसे अहम छह साल की बच्ची की गवाही रही। कपिल ने दरिंदगी उसके सामने की थी। इस केस को विरल से विरलतम मानते हुए 28 पेज के फैसले में कोर्ट ने फांसी की सजा दी है।

ऐसे अपराधी को जीवित रखना बच्चों के लिए खतरा
सजा ए मौत सुनाने से पहले जज अमित कुमार प्रजापति ने टिप्पणी की, दोषी पाए गए युवक ने सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों का घोर हनन किया है। ऐसी मानसिकता वाले अपराधी को समाज में जीवित रखना अन्य बालक अथवा व्यक्ति को खतरा उत्पन्न करता है।
                  ऐसी दुर्दांत मानसिकता वाले व्यक्ति के द्वारा किए गए अपराध के लिए अधिकतम दण्ड दिए जाने से ही विधायकों का कोमल वय बालकों के प्रति लैंगिक अपराधों से संरक्षण का लक्ष्य पूरा होगा तथा समाज में न्यायिक प्रक्रिया एवं न्याय प्रणाली के प्रति सद्भाव एवं विश्वास उत्पन्न होगा।

ससुर के अंतिम संस्कार से लौटकर की दरिंदगी
कपिल कश्यप वारदात से कुछ समय पहले ही मेरठ के चोबला गांव से अपनी ससुराल से लौटा था। वहां वह ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ था। पत्नी को वहीं छोड़ आया और अपने घर पर शराब पी थी। दादी ने विरोध किया तो उसे पीटा और घर में तोड़फोड़ की। उसके बाद साइकिल लेकर चला गया था।

बच्ची पर नहीं आया था तरस
कपिल ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि बच्ची हाथ जोड़कर कहती रही, अंकल प्लीज छोड़ दो, घर जाने दो, मुझे आइसक्रीम नहीं चाहिए। उसे उस पर तरस नहीं आया। दुष्कर्म के बाद हत्या इसलिए की क्योंकि बच्ची उसे पहचानती थी। उसे डर था कि बच्ची घर जाकर बता देगी और वह पकड़ा जाएगा।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox