नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- स्वायत्तशासी ताईवान को लेकर चीन के एक तरफा दांवे को दरकिनार कर आखिर फ्रांस ने अपने सांसद अलेन रिचर्ड को फ्रेंच राजनयिकों के साथ भे ताईवान भेज दिया। इससे पहले चीन ने ताइवान की यात्रा को लेकर फ्रांस को धमकी दी थी कि अगर उन्होने ऐसा किया तो इससे फ्रांस की प्रतिष्ठा और हितों को गहरा नुकसान होगा। साथ ही चीन ने कहा था कि इससे न सिर्फ चीन के मूल हित प्रभावित होंगे, बल्कि चीन और फ्रांस के रिश्तों पर भी गलत असर पड़ेगा।
यहां बता दें कि इससे पहले ताइवान को लेकर चीन व अमेरिका की खिंची हुई है लेकिन अब उसकी हालिया लड़ाई फ्रांस से भी भड़क उठी है। चीन ताइवान की संप्रभुता पर हमला करते हुए उसे डराना-धमकाना जारी रखे हुए है और विश्व के दूसरे देशों को ताइवान से सीधे संबंध बनाने पर भी चेतावनी देता आया है। पिछले चार दिनों में चीन की तरफ से ताइवान के हवाई क्षेत्र में 149 लड़ाकू विमान और बॉम्बर प्लेन भेजे गए। इन घटनाओं के बाद जहां अमेरिका समेत पूरी दुनिया चीन के इन हथकंडों की आलोचना कर रही है, वहीं चीन भी सभी देशों को उसके आंतरिक मसले पर न बोलने की चेतावनी दे रहा है।
इस लड़ाई की शुरुआत तब हुई, जब फ्रांस के एक सांसद के नेतृत्व में डेलिगेशन को ताइवान पहुंचना था और यहां राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मिलना था। चीन ने फ्रांस के इस कदम पर उसे भी धमकी देना शुरू कर दिया। फ्रांस में स्थित चीनी दूतावास ने सांसद के दौरे से पहले कहा कि इससे न सिर्फ चीन के मूल हित प्रभावित होंगे, बल्कि चीन और फ्रांस के रिश्तों पर भी गलत असर पड़ेगा। चीन ने यहां तक कह दिया कि इससे फ्रांस की प्रतिष्ठा और हितों को गहरा नुकसान होगा।
चीन की इस धमकी के बावजूद फ्रांस ने पीछे हटने के बजाय अपने सांसद को ताइवान भेज दिया। सांसद अलेन रिचर्ड को फ्रेंच राजनयिकों के साथ भेजा गया है। वे राष्ट्रपति साइ इंग-वेन के साथ ताइवान के आर्थिक और स्वास्थ्य अफसरों के साथ मुलाकात करेंगे। रिचर्ड फ्रांस के रक्षा मंत्री रह चुके हैं और 2015 और 2018 में भी ताइवान आ चुके हैं। वे फ्रांस की सीनेट (संसद के उच्च सदन) में ताइवान के साथ दोस्ती पर बनी कमेटी के भी प्रमुख हैं।
चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दावा करता है कि स्वायत्तशासी ताइवान उसका हिस्सा है। साथ ही वह किसी और देश के ताइवान के साथ संपर्क रखने का भी विरोध करता आया है। हालांकि, अमेरिका के बाद फ्रांस ने अब उसकी धमकी को अनसुना करते हुए तनाव के समय भी अपने सरकारी अफसरों को भेज कर सीधा संदेश दिया है।
चीन ने पिछले हफ्ते शुक्रवार से लेकर इस हफ्ते सोमवार तक चार दिन में ताइवान के हवाई क्षेत्र में 149 एयरक्राफ्ट भेजे हैं। ताइवान ने इसे 40 साल में सबसे खतरनाक सीमा उल्लंघन करार दिया। अमेरिका के व्हाइट हाउस की तरफ से भी इसे लेकर बयान जारी किया गया और कहा गया कि चीन अपनी जोखिम भरी हरकतों से ताइवान के हालात असंतुलित करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, चीन ने अमेरिका पर ताइवान को हथियार बेचकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। चीन ने यह भी कहा कि उसके युद्धपोत लगातार ताइवान के जलडमरुमध्य में मौजूद रहकर भड़काऊ गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
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