
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- डीपीएस (DPS) द्वारका के सैकड़ों दुखी और संघर्षशील अभिभावक 14 जून को जन्तर-मन्तर पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन बच्चों के साथ हो रहे उत्पीड़न, अवैध फीस वृद्धि और शिक्षा विभाग (DoE) के निर्देशों की बार-बार अवहेलना के खिलाफ सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग को लेकर किया जा रहा है।
यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं है। यह बच्चों की गरिमा, न्याय, बचपन की रक्षा और भारत की शिक्षा व्यवस्था को बचाने की सामूहिक पुकार है।
1. उत्पीड़न बंद हो – बच्चों के नाम तुरंत बहाल हों
यह अत्यंत पीड़ादायक है कि स्कूल प्रबंधन ने फीस विवाद के चलते मासूम बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया है। यह व्यवहार अमानवीय, अनैतिक और गैरकानूनी है। बच्चे कोई सौदेबाजी का माध्यम नहीं हैं। उनके नाम और सम्मान तुरंत बहाल किए जाएं।
“हमने क्या गलती की, मम्मी? स्कूल जो शिक्षा और मूल्यों का मंदिर है ने हमें अंदर जाने से रोकने के लिए बाउंसर क्यों लगाए?” एक मासूम सवाल जो किसी भी माता-पिता को कभी नहीं सुनना चाहिए।
2. अवैध फीस वृद्धि तुरंत वापस ली जाए
डीपीएस द्वारका ने नियमों की स्पष्ट अवहेलना करते हुए बिना अनुमति के फीस बढ़ा दी है, जिससे अभिभावकों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा है। जब तक पारदर्शी और निष्पक्ष समीक्षा पूरी नहीं होती, इस वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए। शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनने दिया जा सकता।
3. सीमित समय में निष्पक्ष फीस समीक्षा अनिवार्य हो
हम शिक्षा निदेशालय (DoE) से मांग करते हैं कि वह एक समय-सीमा के भीतर पारदर्शी समीक्षा प्रक्रिया शुरू करे, जिसमें अभिभावकों की भागीदारी और स्वतंत्र निगरानी शामिल हो। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह प्रक्रिया टाली या प्रभावित न हो।
4. शिक्षा निदेशालय (DoE) के आदेशों को सख्ती से लागू किया जाए – जिम्मेदार अधिकारी जवाबदेह हों
डीपीएस (DPS) द्वारका द्वारा शिक्षा विभाग के निर्देशों की बार-बार अवहेलना पूरी तरह अस्वीकार्य है। जब सरकारी आदेशों की ही अनदेखी होगी, तो बच्चों को क्या संदेश जाएगा?
हम मांग करते हैं कि 100% अनुपालन हो और शिक्षा विभाग (DoE) के जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाए। अगर वे कार्रवाई नहीं कर सकते, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।
5. डीपीएस (DPS) प्रबंधन को सजा दी जाए
बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन और बार-बार की गई गलतियों के लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए।
अगर सवाल पूछने पर बच्चों को दंडित किया जा सकता है, तो सत्ता का दुरुपयोग करने वालों को भी दंडित किया जाना चाहिए।
6. बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए स्कूल का सरकारी अधिग्रहण हो
डीपीएस (DPS) द्वारका द्वारा लगातार किए गए उत्पीड़न, लापरवाही और कानून के उल्लंघन से यह साफ हो गया है कि स्कूल अब भरोसे के लायक नहीं रहा।
हम मांग करते हैं कि स्कूल का सरकारी या स्वतंत्र प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण किया जाए, ताकि बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा की वैधता और नैतिकता सुनिश्चित की जा सके।
विरोध प्रदर्शन का विवरण:
स्थान: जन्तर-मन्तर, नई दिल्ली
तिथि: 14 जून 2025
समय: सुबह 09:00 बजे से
प्रतिभागी: DPS द्वारका के अभिभावक, दिल्ली के विभिन्न अभिभावक संगठन, शिक्षा कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक
यह प्रदर्शन केवल हमारे बच्चों के लिए नहीं है। यह हर उस छात्र के लिए है जो एक सुरक्षित और सम्मानजनक शिक्षा का हकदार है, हर उस अभिभावक के लिए है जो पारदर्शिता चाहता है, और हर उस आवाज़ के लिए है जो अब चुप नहीं रहना चाहती।
हम मीडिया, नीति निर्माताओं, बाल अधिकार (NCPCR, DCPCR, NHRC, NGO) संगठनों और देश के हर जागरूक नागरिक से अपील करते हैं कि वे हमारे साथ खड़े हों और भारत की शिक्षा व्यवस्था की आत्मा की रक्षा करें।
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