’टैरिफ को लेकर अभी भी भारत-अमेरिका के बीच बातचीत के रास्ते खुले,

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 29, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

’टैरिफ को लेकर अभी भी भारत-अमेरिका के बीच बातचीत के रास्ते खुले,

-सूत्रों का दावा- सुलझाने के प्रयास जारी’, दोनो तरफ से मिले संकेत

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- बुधवार यानी 27 अगस्त से भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 50 फीसदी बेतुका टैरिफ लागू हो गया है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि मसले को सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत के रास्ते खुले हैं और टैरिफ मुद्दे को सुलझाने के प्रयास जारी रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि भारतीय निर्यात को देखते हुए टैरिफ का प्रभाव उतना गंभीर होने की संभावना नहीं है, जितनी आशंका जताई जा रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत के रास्ते खुले हैं। सूत्रों ने बताया कि जहां तक निर्यातकों का सवाल है, घबराने की कोई बात नहीं है। भारत और अमेरिका के बीच यह दीर्घकालिक संबंधों का एक अस्थायी चरण है।

भारत से अमेरिका को होने वाले चुनिंदा निर्यात पर बुधवार से 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। इसमें से 25 फीसदी टैरिफ सात अगस्त से ही लागू हो गया था, जबकि रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाया गया 25 फीसदी जुर्माना टैरिफ आज से लागू हो गया है। इसका मसौदा नोटिस ट्रंप प्रशासन ने जारी कर दिया है। आदेश पूरी तरह भारत केंद्रित है। इसमें चीन का कोई जिक्र नहीं है, जो रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। टैरिफ की यह दर अमेरिका की ओर से लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है और ब्राजील और चीन पर लगे टैरिफ के बराबर है।बुधवार को 50 फीसदी टैरिफ लागू होने के बाद भी सरकार से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि इस मसले को सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच संचार चैनल खुले हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि घबराने की कोई बात नहीं है, भारतीय निर्यात की विविध प्रकृति को देखते हुए इसका प्रभाव उतना गंभीर नहीं होगा जितना आशंका जताई जा रही है। उनका कहना है कि मौजूदा हालात दीर्घकालिक संबंधों में एक अस्थायी चरण है।

रेड लाइन्स पर अमेरिका से कोई समझौता नहीं : सूत्र
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर सूत्रों ने बड़ा दावा किया। सूत्रों का कहना है कि व्यापार वार्ता इस पर निर्भर करेगी कि प्रत्येक पक्ष संवेदनशीलता और सीमा रेखाओं को कैसे संबोधित करता है? जहां तक भारत का सवाल है, उसने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसानों, मछुआरों और छोटी इकाइयों से संबंधित मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कुछ रेड लाइन्स हैं, जिन्हें हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। यह सौदा इस बात पर निर्भर करता है कि प्रत्येक पक्ष उन लाइनों का कैसे समाधान करता है। हमारे लिए यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है। भारत और अमेरिका मार्च से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। अब तक पांच दौर की वार्ताएं पूरी हो चुकी हैं। अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी टीम ने 25 अगस्त से होने वाली अपनी भारत यात्रा स्थगित कर दी है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox