उचाना – दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के सबसे युवा उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वे उचाना से ही पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रेमलता को करीब साढ़े 47 हजार के वोटों के बड़े अंतर से हराकर जेजेपी के विधायक बने थे। इससे पहले साल 2014 में 26 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के सांसद बने। हिसार लोकसभा चुनाव में दुष्यंत 4 लाख 95 हजार (43%) वोट लेकर चुनाव जीते थे। बतौर डिप्टी सीएम और सांसद के तौर पर दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के लिए शानदार काम किए है। देशभर के किसानों की आजीविका के साधन ट्रैक्टर को कमर्शियल घोषित होने से बचाने के लिए दुष्यंत ट्रैक्टर पर संसद गए और किसानों की आवाज़ बनकर सरकार को फैसला वापिस लेने पर मजबूर किया था। जेजेपी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। बेहद प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैगजीन ने आने वाले दशक के दुनिया के 20 सबसे दमदार लोगों की सूची में दुष्यंत चौटाला को शामिल किया था। दुष्यंत चौटाला के शांत, मिलनसार स्वभाव और अथक मेहनत वाली राजनीति की चर्चा आज पूरे देश में है।
डबवाली – दिग्विजय चौटाला
जेजेपी के प्रधान महासचिव हैं। छात्र संगठन इनसो के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। साल 2019 में सोनीपत लोकसभा और जींद विधानसभा उपचुनाव में जेजेपी के प्रत्याशी थे। दिग्विजय चौटाला निरंतर युवाओं की आवाज को बुलंद करते आ रहे है। इनसो के जरिए दिग्विजय ने छात्रों की मुलभूत सुविधाएं हॉस्टल, लाइब्रेरी, परीक्षाएं समेत फीस वृद्धि जैसी तमाम मांगो को लेकर अनेक आंदोलन किए है। साल 2018 में दिग्विजय ने आमरण अनशन करके प्रदेश में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग की थी, जिसके कारण 22 साल बाद छात्रसंघ के चुनाव बहाल हुए। हैंडबॉल एसोसिएशन इंडिया के अध्यक्ष भी हैं।
जुलाना – अमरजीत ढांडा
जुलाना से जेजेपी के विधायक है। ढांडा ने पिछला विधानसभा चुनाव करीब 24 हजार वोट के अंतर से जीता था। वह जेजेपी व्यापार और किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं। ढांडा एक किसान व व्यापारी हैं।
दादरी – राजदीप फौगाट
वर्ष 2014 में दादरी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे। इससे पहले वे वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में बहुत करीबी मुकाबले में 145 वोटों से चूक गए थे। हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं। वरिष्ठ नेता राजदीप फोगाट के पास जेजेपी संगठन में राष्ट्रीय महासचिव, खेल प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष पद पर कार्य करने का खासा अनुभव हैं।
बावल – रामेश्वर दयाल
वर्ष 2009 में रामेश्वर दयाल विधायक रहे, वे 22 हजार वोटों के अंतर से जीते थे। लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय रामेश्वर ने अपना पहला चुनाव 1987 में लड़ा था और वे दूसरे स्थान पर रहे। एमए तक की शिक्षा ग्रहण की है।
जींद – इंजीनियर धर्मपाल प्रजापत
पूर्व मंत्री परमानंद के पुत्र है। जेजेपी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य हैं। जेजेपी बीसी सेल के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
गोहाना – कुलदीप मलिक
पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी के उम्मीदवार थे। सोनीपत जिला परिषद के चेयरमैन रहे हैं।
नलवा – विरेंद्र चौधरी
जेजेपी के युवा नेता हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी उम्मीदवार रहे है। प्रथम भारतीय, जो इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रीनविच छात्रसंघ के प्रधान रहे और इन्होंने लगातार दो बार इंग्लैंड में चुनाव जीता।
गुहला – कृष्ण बाजीगर
जेजेपी एससी सेल के जिला संयोजक रहे हैं। गांव कांगथली के सरपंच हैं। इनका परिवार चौ. देवीलाल के समय से राजनीति में सक्रिय हैं।
अटेली – आयुषी अभिमन्यु राव
आयुषी राव अहीरवाल के प्रसिद्ध राजनीतिक परिवार से हैं। इनके दादा पूर्व मंत्री स्वर्गीय राव महाबीर सिंह, परदादा पूर्व विधायक स्वर्गीय राव मोहर सिंह, ससुर चेयरमैन अनिल राव हैं। एलएलबी, एमबीए शिक्षित आयुषी जेजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु राव की धर्मपत्नी हैं।
मुलाना – डॉ रविंद्र धीन
जेजेपी एससी सेल के जिला संयोजक है। लंबे समय से संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य करने का अनुभव हैं। इनकी धर्मपत्नी भी राजनीति में सक्रिय है, वे जिला परिषद मेंबर रह चुकी है।
रादौर – राजकुमार बुबका
इन्होंने वर्ष 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था। लंबे समय से संगठन में कार्य करने का अनुभव है, फिलहाल जेजेपी के हलका अध्यक्ष हैं।
तोशाम – राजेश भारद्वाज
युवा नेता हैं। पिछले करीब 10 सालों से युवा हलका अध्यक्ष के पद पर संगठन में कार्य करने का अनुभव। युवा जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। शिक्षित राजेश फिलहाल पाथरवाली गांव के सरपंच है।
बेरी – सुनील दुजाना सरपंच
जेजेपी बीसी सेल में प्रदेश सचिव रहे हैं। इनकी धर्मपत्नी दुजाना गांव की सरपंच हैं।
होडल – सतवीर तंवर
जेजेपी के एससी प्रकोष्ठ में पदाधिकारी रहे हैं। सतबीर तंवर व्यवसायी हैं। युवा नेता के तौर पर बीएसपी में भी सक्रिय रहे थे सतवीर।
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