जापान में न्यूयॉर्क सिटी की आबादी से भी ज्यादा घर पड़े हैं खाली

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 23, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

जापान में न्यूयॉर्क सिटी की आबादी से भी ज्यादा घर पड़े हैं खाली

-आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाये जाने वाले अकिया अब टोक्यो और क्योटों में भी बड़ी संख्या में लगे है दिखने

टाक्यो/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- जहां विश्व के अधिकतर हिस्सों में लोगों के पास रहने को मकान नही है वहीं जापान एक ऐसा देश है जिसमें रिकार्ड 90 लाख मकान खाली पड़े है। खाली घरों के यह संख्या अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी की आबादी से ज्यादा बताई जा रही है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह उछाल सीधे तौर पर देश की घटती जनसंख्या से जुड़ा है।
         जापान में खाली छोड़ दिए गए घरों को ’अकिया’ के रूप में जाना जाता है। यह शब्द आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में खाली पड़े घरों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है लेकिन अब टोक्यो और क्योटो जैसे प्रमुख शहरों में भी बड़ी संख्या में अकिया दिखने लगे हैं। यह जापानी सरकार के लिए एक और समस्या है जो पहले से ही बढ़ती आबादी और हर साल पैदा होने वाले बच्चों की संख्या में चिंताजनक गिरावट से जूझ रही है।

         चिबा में कांडा यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के लेक्चरर जेफरी हॉल ने कहा, ’यह जापान की जनसंख्या में गिरावट का एक लक्षण है।’ उन्होंने कहा, ’यह दरअसल बहुत सारे घर बन जाने की समस्या नहीं है बल्कि यह पर्याप्त लोगों के न होने की समस्या है।’
         सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक मामलों और संचार मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जापान में सभी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में से 14 प्रतिशत खाली हैं। इसमें एक से अधिक घर और अन्य कारणों से खाली छोड़े गए घर भी शामिल हैं। इसके अलावा मालिक द्वारा विदेश में काम करने के लिए अस्थायी रूप से खाली छोड़ दी गई संपत्तियां भी शामिल हैं।
         एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन सभी को पारंपरिक अकीया की तरह बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ा गया है लेकिन इनकी बढ़ती संख्या सरकार और लोगों के लिए कई अन्य समस्याएं खड़ी कर सकती हैं। जैसे खस्ताहाल शहरों को फिर से जीवंत करने के प्रयासों में कमी, रखरखाव की कमी के कारण संभावित खतरा बनना और भूकंप और सुनामी से ग्रस्त देश में आपदा के समय बचावकर्ताओं के लिए चुनौती बढ़ाना शामिल है।

बहुत सारे घरों की समस्या
जापान में अकिया का इतिहास सदियों पुराना है लेकिन आज की समस्या अलग है। जापान की गिरती प्रजनन दर के कारण, कई लोगों के पास कोई वारिस नहीं बचा है, या युवा पीढ़ी विरासत में मिले घर को छोड़ शहरों में चले आई हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में लौटने की दिलचस्पी बहुत कम देखी जाती है।

         एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ घरों के बारे प्रशासन को भी जानकारी नहीं है क्योंकि खराब रिकॉर्ड रखने के कारण स्थानीय अधिकारियों को यह नहीं पता है कि मालिक कौन हैं। ऐसे में सरकार के लिए तेजी से बूढ़े हो रहे ग्रामीण समुदायों का कायाकल्प करना मुश्किल हो जाता है। जापान की टैक्स नीतियों के तहत, कुछ मालिकों को पुनर्विकास के लिए घर को ध्वस्त करने की तुलना में घर को बनाए रखना अक्सर सस्ता लगता है।
         अक्सर ट्रेंडिंग वीडियो में लोग (मुख्य रूप से विदेशी) – सस्ते जापानी घरों को खरीदकर उन्हें स्टाइलिश गेस्टहाउस और कैफे में बदलते हुए नजर आते हैं। ऐसे लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर कई फॉलोअर्स जुटाए हैं लेकिन हॉल ने चेतावनी देते हैं कि यह उतना आसान नहीं है जितना लगता हैं
        बता दें कि ’सच्चाई यह है कि इनमें से अधिकांश घर विदेशियों को नहीं बेचे जा रहे हैं या प्रशासनिक नियम किसी ऐसे व्यक्ति के लिए आसान नहीं हैं जो जापानी बोलना और पढ़ना अच्छी तरह न जानता हो। उन्हें ये घर सस्ते में नहीं मिल पाएंगे।’

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox