द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- यह हर्ष का विषय है कि पाँच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में वास्तविक रूप से स्थापित हो गए। इसमें भारत सरकार के कई विभागों ने पूर्णरूप से सहयोग किया। एक दिन रामराज्य आएगादृ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बरसों पहले यह संकल्प लिया था और उन्होंने अयोध्या नगरी में प्रभु राम को स्थापित करके इसकी शुरुआत कर दी है अर्थात रामराज्य देश में तो आ गया, अब सिर्फ सबके ह््रदय में श्रीराम को स्थापित करना है, जिससे उन लोगों का जीवन आनंदमय एवं शांतिपूर्ण हो सके। जन-जन तक भगवान श्रीराम के रामराज्य को पहुँचाने के इस अभियान के रूप में इस्कॉन द्वारका की ओर से 3 फरवरी को पालम विहार में पहली बार विशाल हरिनाम संकीर्तन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
हरिनाम यानी ‘हरे कृष्ण महामंत्र’ का सतत उच्चारण। इस भयावह कलियुग में श्रीकृष्ण के अवतार श्री चैतन्य महाप्रभु ने भी 16 शब्दों के हरे कृष्ण महामंत्रदृ ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरेदृ’ जप करने को कहा है। भगवान के नाम और भगवान में कोई अंतर नहीं है। जब व्यक्ति इस मंत्र का उच्चारण करता है तो उसका ह््रदय शुद्ध होता है और शुद्ध मन में भगवान निवास करते हैं। वे सभी कष्टों एवं बाधाओं से मुक्ति प्रदान करते हैं। इसी महामंत्र का लाभ लेकर वैश्विक शांति के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। महामंत्र के इसी गुण को लोगों को सिखाने के लिए इस्कॉन द्वारका की ओर से विशाल हरिनाम संकीर्तन यात्रा निकाली जा रही है।
इसमें विशाल यात्रा के अंतर्गत भव्य रूप में सजे सीता-राम लक्ष्मण हनुमान की सुंदर झाँकी प्रदर्शन रथ यात्रा के रूप में प्रस्तुत होगा। इस्कॉन के युवा कलाकारों का नृत्य प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक और रंगोली का कार्यक्रम भी शामिल रहेगा। यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर भगवान को स्वादिष्ट भोग अर्पण किए जाएँगे। इस तरह भजन-कीर्तन और भोग अर्पण के माध्यम से हम भगवान को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके अनन्य प्रेम को प्राप्त कर सकते हैं।
गौरतलब है कि यह संकीर्तन यात्रा दोपहर 3 बजे से मदर डेरी बूथ जे ब्लॉक पालम विहार से आरंभ होगी। आसपास के बाज़ार एवं सोसाइटीज के बाहर से निकलते हुए यात्रा माँ दुर्गा मंदिर, डी पी एस जी स्कूल के सामने पालम विहार पर विश्राम करेगी।
इस अवसर पर इस्कॉन द्वारका के अध्यक्ष प्रद्युम्न प्रिय दास सहित दिल्ली एनसीआर के कई अन्य वरिष्ठ भक्त एवं प्रचारक जैसे अमोघ लीला दास एवं प्रशांत मुकुंद दास आदि भी भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त देश-विदेशों से आए कुछ भक्तगण भी शोभा यात्रा में सम्मिलित होंगे।
वे लोगों को हरिनाम की महिमा के बारे में बताएँगे कि शास्त्रों में भी हरि नाम संकीर्तन की महिमा का उल्लेख किया गया है। श्रीमद्भागवत महापुराण के द्वादश स्कंध के 13वें अध्याय के 23वें श्लोक में कहा गया है किः
नाम संकीर्तनं यस्य सर्वपापप्रणाशनम्,
प्रणामो दुःखशमनस्तं नमामि हरिं परम्।
अर्थात मैं उन भगवान् श्रीहरि को सादर नमस्कार करता हूँ, जिनके पवित्र नामों का सामूहिक कीर्तन सारे पापों को नष्ट करता है और जिनको नमस्कार करने से सारे भौतिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।
अतः आप सब अपने मित्रों, पड़ोसियों एवं परिचितों के साथ इस यात्रा में बढ़-चढ़ कर भाग लें। यात्रा के अंत में सभी भक्तजनों के लिए विशाल भंडारे की व्यवस्था है।
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