
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/छत्तीसगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- छत्तीसगढ़ में सत्ता में भागीदारी को लेकर फैली अफवाहों के बीच आज कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के कद्दावर मंत्री टीएस सिंह देव को दिल्ली तलब किया था। दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया भी मौजूद रहे। तीनों नेताओं के साथ कांग्रेस नेता की लंबी बैठक चली। इसके बाद पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया को भी संबोधित किया।
पीएल पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में राज्य के विकास को लेकर बात हुई। भूपेष बघेल ने भी लगभग पुनिया के बयान को ही दोहराया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ बैठक हुई। छत्तीसगढ़ की विभिन्न योजनाओं के बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई।
इससे पहले इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा था कि मंगलवार को राज्य के प्रभारी पीएल पूनिया के नेतृत्व में यह मीटिंग होगी। भूपेश बघेल के करीबी एक नेता ने कहा था, ’सीएम की मीटिंग करीब एक महीने पहले ही तय हुई थी। यह रिव्यू मीटिंग है और इसमें निश्चित तौर पर पावर-शेयरिंग के फॉर्म्यूले पर भी बात की जाएगी। इस मीटिंग में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव दोनों ही मौजूद रहेंगे।’
आपको बता दें कि इस साल 17 जून को जब भूपेश बघेल का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हुआ तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सीट शेयरिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया। हालांकि भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव यही कहते रहे कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। दोनों नेताओं का कहना है कि इस पर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जो भी आदेश होगा, वे उसे मानेंगे। हालांकि मंगलवार को होने वाली मीटिंग के संबंध में जब टीएस सिंह देव से पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि इस बारे में आपको पीएल पूनिया जी से पूछना चाहिए। वह सही व्यक्ति हैं।
सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है। पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।
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