
नई दिल्ली/प्रियंका सिंह/- बड़े संघर्षों से महिलाओं को मिला था शिक्षा का अधिकार, इसलिए शिक्षा क्रांति के सूत्रधार दम्पति महात्मा फुले और सावित्री बाई फुले और उनकी सहयोगी फातिमा शेख के प्रति हमें सदा आभारी रहना चाहिए – इस बात को कहते हुए चौधरी इंद्राज सिंह सैनी भावुक हो गए। सकारात्मक भारत-उदय वैश्विक आंदोलन के संरक्षक चौधरी इंद्राज सिंह सैनी अपने 82वें जन्मदिन पर आरजेएस पीबीएच के 305वें वेबिनार में संबोधन देते हुए कहा कि भारत भ्रमण के दौरान जब उन्हें फुले दम्पति के संघर्षों का पता चला तो उत्तर भारत में जगह-जगह उन्होंने उनकी प्रतिमा लगवाई और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराया। उन्होंने अपने पिताजी स्व० हीरालाल सैनी को भी याद किया। चौधरी साहब ने कहा कि सावित्रीबाई फुले की जयंती 3 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षिका दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सावित्री बाई फुले पर दूरदर्शन पर ब्रॉडकास्ट ऑडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। कार्यक्रम में उनकी सुपुत्री रजनी सैनी और नातिन मिनाक्षी ने भी उनके जन्मदिन की बधाई देकर आशीर्वाद लिया। रजनी ने कहा कि मां कश्मीरो देवी ने चौधरी साहब के कार्यों में सहयोग देने के साथ-साथ हम बच्चों को शिक्षा लेने में मदद और संस्कार भी दिया। इस तरह आरजेएस पीबीएच के मंच ने तीन पीढ़ियों के सकारात्मक विचारों को पटल पर रखने का अवसर दिया।
राम-जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि 15 जनवरी 2025 को सकारात्मक दशक के 10 सूत्रीय कार्यसूची पर वैश्विक संवाद से पूर्व 9 जनवरी को सायं 6 बजे से कर्टेन रेजर वेबिनार आयोजित किया जाएगा, वहीं 17 जनवरी को अपने जन्मदिन पर समीक्षा बैठक आयोजित करेंगे।
आरजेएस पीबीएच परिवार से जुड़े सकारात्मक व्यक्तित्वों ने चौधरी इंद्राज सिंह सैनी को बधाई दी। आरजेएस पीबीएच के प्रेरणास्रोत दम्पति 90 वर्षीय श्री राम जग सिंह और 82 वर्षीय श्रीमती जनक दुलारी देवी ने चौधरी साहब को बधाई देते हुए सामाजिक कार्यों और स्कूल खोलकर शिक्षा का बढ़ावा देने के लिए सराहना की।
इस अवसर पर सुरजीत सिंह दीदेवार ने सिखों के दसवें गुरु के जन्मदिन 6 जनवरी के अवसर पर वर्तमान पीढ़ी को उन महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। कवि अशोक कुमार मलिक ने प्रवासी भारतीयों के बच्चों तक सकारात्मक आंदोलन की गूंज पहुंचाने के लिए सार्थक प्रयास करने की सलाह दी।
कार्यक्रम में धर्म चौधरी, सुदीप साहू, स्वीटी पॉल, इशहाक खान, और डा. बलजीत सैनी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
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