चोरी के मोबाइल फोन का लुत्फ उठा रहे पाकिस्तानी, डी-कंपनी भेज रही पाकिस्तान

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चोरी के मोबाइल फोन का लुत्फ उठा रहे पाकिस्तानी, डी-कंपनी भेज रही पाकिस्तान

-दाऊद ने बदले कारोबार के तरीके, अब न फिरौती, न गैंगवार, दवाओं व चोरी के मोबाइलों की स्मगलिंग कर रही डी-कंपनीः

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर हमेशा गैंगवार, फिरौती, अवैध कब्जों, हत्याओं को लेकर चर्चा में रहे है। लेकिन अब डी-कंपनी ने अपने कारोबार के तौर-तरीके बदल लिये है। कभी फिरौती, जमीन कब्जाने, सेटलमेंट, ड्रग्स और स्मगलिंग के जरिए दहशत फैलाने वाले दाऊद के कारोबार अब बदल गए हैं। अब डी-कंपनी के गुर्गे अपने आका के इशारे पर भारत में मोबाइल फोन चुराने व दवाओं की स्मगलिंग जैसे काम कर रही है। डी-कंपनी ीारत से मोबाइल चुराकर पाकिस्तान भेज रहे है जिनका पाकिस्तानी खूब लुत्फ उठा रहे हैं।
              सेंट्रल एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि अब क्-कंपनी भारत से दवाओं की स्मगलिंग, मोबाइल फोन चुराने और बिल्डिंग गिराने के ठेके लेने जैसे काम भी कर रही है। हालांकि, ड्रग्स और गोल्ड-सिल्वर स्मगलिंग अब भी उसके मेन बिजनेस हैं। अब दाऊद सफेदपोश कारोबार में भी इन्वेस्टमेंट कर रहा है। एनआईए की एक चार्जशीट के मुताबिक पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर दाऊद और उसके रिश्तेदार बिना चेक इन, चेक-आउट के ट्रैवल करते हैं।

हालात बदले तो फिरौती और वसूली से दूर हुई डी-कंपनी
एनआईए के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करते हुए भास्कर को बताया कि दाऊद धीरे-धीरे गलत धंधों से खुद को दूर कर रहा है। डी-कंपनी का पूरा ऑपरेशन भारत के बाहर से चल रहा है। यही वजह है कि साल 2001 के बाद से मुंबई में कोई गैंगवार नहीं हुई। डी-कंपनी के लोग अब जमीन और बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्टमेंट, मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी से पैसे कमा रहे हैं। गैंग का नकली नोट का बिजनेस भी जारी है।

दाऊद कर रहा कैंसर की दवाओं की स्मगलिंग
एनआईए सूत्रों के मुताबिक डी-कंपनी भारत में बन रही कैंसर की दवाओं की चीन और दूसरे देशों में स्मगलिंग कर रही है। चीन में भारतीय दवाएं बेचने-खरीदने पर बैन है। बीते दिनों एक चीनी व्यक्ति को कैंसर की भारतीय दवा खरीदने के लिए 8 महीने की जेल और 2,000 युआन (30 हजार रुपए) के जुर्माने की सजा मिली थी। ग्वांगडोंग प्रांत में भी दो लोगों को भारतीय दवाओं के साथ गिरफ्तार किया गया। चीन में भारत में बनी कैंसर की कई दवाओं को ‘नकली दवा’ माना जाता है। द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कैंसर के एक पेशेंट की दवाओं पर सालाना 35 लाख रुपए तक खर्च होते हैं। ये भारत से 10 गुना ज्यादा है। डी-कंपनी इस जरूरत का फायदा उठा रही है।
                मुंबई पुलिस के डीसीपी रैंक के एक अधिकारी ने बताया, ‘चीन में मौजूद ड्रग पर्चेजिंग एजेंट भारत में डी-गैंग से जुड़े लोगों के साथ इन दवाओं की स्मगलिंग करते हैं। चीन में अभी हर 10 में से 6 मरीज भारतीय दवा का इस्तेमाल करते हैं।’ अधिकारी ने यह भी बताया, ‘साल 2018 में एयर इंटेलिजेंस यूनिट ने 2018 में खलदून जौदा और तारमानिनी अली नाम के दो सीरियाई नागरिकों को 55 लाख रुपए की कैंसर की दवाओं के साथ गिरफ्तार किया था। ये दवाएं पहले सीरिया और फिर दूसरे देशों में सप्लाई होने वाली थीं।’
                दिसंबर 2022 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने हरियाणा के सोनीपत में कैंसर की दवाएं बनाने के रैकेट का पता लगाया था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) आरएस यादव के मुताबिक, ‘इस मामले में एक डॉक्टर समेत 12 लोगों को अरेस्ट किया गया। ये 4 साल से कैंसर की नकली दवाएं चीन, बांग्लादेश और नेपाल सप्लाई कर रहे थे। छापेमारी में 8 करोड़ की दवाएं बरामद की गई थीं। दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में डी-कंपनी के शामिल होने का शक जाहिर किया था। गिरफ्तार आरोपियों में एक बांग्लादेश का, जबकि आरोपी डॉक्टर नेपाल का है।’

बिल्डिंग गिराने के ठेकों से भी पैसे बना रहा दाऊद
सीनियर जर्नलिस्ट विवेक अग्रवाल मुंबई अंडरवर्ल्ड पर 37 साल से नजर रख रहे हैं। वे दाऊद इब्राहिम और अंडरवर्ल्ड पर मुंभाई, मुंभाई रिटर्न, खेल खल्लास समेत 15 से ज्यादा किताबें और ई-बुक लिख चुके हैं। विवेक बताते हैं कि ‘डी-कंपनी के लोग प्रॉपर्टीज में ब्लैक मनी इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसके अलावा एक नया धंधा बिल्डिंग तोड़ने का है। पुरानी इमारतों में बड़ी मात्रा में लोहा, पीतल, कांसा, लकड़ी और दूसरा कीमती सामान होता है।’ दाऊद के लोगों की नजर में मुंबई की पुरानी बिल्डिंग्स हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 48 इमारतों को गिराने का आदेश दिया है। दाऊद के लोग डरा-धमकाकर ये बिल्डिंग गिराने का ठेका हासिल कर रहे हैं। इन्हें गिराने का भी पैसा मिलता है और मैटीरियल भी बाजार में बेचा जाता है।

सफेदपोश बिजनेस से जुड़े दाऊद के लोग
विवेक अग्रवाल भी सेंट्रल जांच एजेंसियों की थ्योरी से सहमत हैं। वे बताते हैं, ‘जांच एजेंसियों के रडार से बाहर रहने के लिए दाऊद सफेदपोश क्राइम कर रहा है। पहले आमने-सामने की गैंगवार हुआ करती थी। डी-कंपनी के लोग हफ्ता वसूली के लिए जाते थे। धमकी देकर पैसे वसूलते थे। डी-कंपनी का खौफ मुंबई समेत देश के सभी बड़े शहरों में महसूस होता था। अब यह सब खत्म हो चुका है या यह कहिए कि अब इसकी जरूरत नहीं रही।’

साल 2015 में जारी फोर्ब्स मैगजीन की लिस्ट के मुताबिक दाऊद के पास कुल 670 करोड़ डॉलर (करीब 43,550 करोड़ रुपए) की संपत्ति थी। इसके बाद नया डेटा नहीं आया। दाऊद दुनिया के टॉप-3 अमीर डॉन की लिस्ट में शामिल है। उसकी तकरीबन 40 प्रतिशत इनकम का सोर्स भारत में फैले धंधे हैं। पाकिस्तान, भारत, यूएई और यूके में उसकी 50 से ज्यादा प्रॉपर्टीज हैं। इनकी कीमत तकरीबन 45 करोड़ डॉलर (3700 करोड़ रुपए) है।

मोबाइल फोन चोरी का रैकेट चला रहे दाऊद के लोग
इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर एनआईए रेवेन्यू इंटेलिजेंस, कस्टम, मिलिट्री इंटेलिजेंस, स्टेट इंटेलिजेंस समेत सभी मल्टी इंटेलिजेंस यूनिट की मीटिंग में सामने आया है कि डी-कंपनी के लोग भारत से स्मार्टफोन चुराकर पहले बांग्लादेश और नेपाल और फिर पाकिस्तान पहुंचा रहे हैं। इसके बाद पाकिस्तान में एक आईएमईआई नंबर से 40 से 50 क्लोन फोन बनाते हैं। इनका इस्तेमाल भारत में फिरौती, धमकी देने, फेक करेंसी रैकेट, ड्रग ट्रैफिकिंग और दूसरे टेरर ऑपरेशंस में होता है।
                महाराष्ट्र एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2021 में मुंबई के पायधुनी इलाके में डी-कंपनी से जुड़ा शख्स पकड़ा गया था। वो जर्मन सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइल की क्लोनिंग कर रहा था। गाजियाबाद के लोनी में भी साल 2017 में तस्लीम और जाहिद नाम के दो लोगों को पुलिस ने मोबाइल क्लोनिंग करते पकड़ा था। ये चोरी के फोन की क्लोनिंग कर उन्हें बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान भेज रहे थे। इनके तार भी डी-कंपनी से जुड़े थे।

नेपाल, बांग्लादेश के रास्ते भारत में आ रहे हथियार
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्-कंपनी के लोग अब भी आईएसआई के साथ काम कर रहे हैं। वे भारत में एक्टिव आतंकी संगठनों और स्लीपर सेल्स को हथियार पहुंचा रहे हैं। ये नक्सली और पंजाब में खालिस्तान समर्थकों को भी हथियार दे रहे हैं। दाऊद के लोग भारत में स्मगलिंग के लिए नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और नॉर्थ-ईस्ट स्टेट्स का रूट इस्तेमाल कर रहे हैं। एनआईए की जांच में सामने आया है कि नेपाल में दाऊद ने एक बड़ा सेट-अप खड़ा किया है। उसके लोग वहां कई बड़े बिजनेस में पैसे लगा रहे हैं।
               मुंबई पुलिस को दिए बयान में छोटा राजन के गुर्गे एजाज लकड़ावाला ने भी बताया था कि दाऊद इब्राहिम गैंग ने पिछले कुछ साल में नेपाल में बड़ा बेस बनाया है। वो पाकिस्तानी अधिकारियों के कहने पर काठमांडू से भारत में फेक करेंसी रैकेट चला रहा है। पुलिस के सामने लकड़ावाला ने दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम और छोटा शकील के पते के साथ कराची में दाऊद इब्राहिम के दो पतों का खुलासा भी किया था।

न्यूज चैनल, रेडियो स्टेशन और एंटरटेनमेंट चैनल चला रहा
विवेक के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया और दुबई में बैंकिंग में डी-कंपनी ने काफी शेयर्स खरीदे हैं। नेपाल में एक रेडियो स्टेशन उसके पास है। इसके अलावा एक न्यूज चैनल, एक एंटरटेनमेंट चैनल और एक एविएशन कंपनी भी क्-कंपनी के लोगों की है। पाकिस्तान में तो दाऊद ने हजारों करोड़ रुपए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किए हैं। एक समय दाऊद नेपाल में स्पेस टाइम और स्पेस टाइम टुडे नाम के दो न्यूज पेपर भी चलाता था। पूरे नेपाल में विदेशी चैनल के डिस्ट्रीब्यूशन में भी उसका कब्जा था। साल 2010 में नेपाल के सबसे बड़े केबल टीवी ’स्पेस टाइम नेटवर्क’ ऑपरेटर जमीम शाह की काठमांडू में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
               जमीम नेपाल के पहले सैटेलाइट टीवी ’चैनल नेपाल’ के चेयरमैन थे। उसके चैनल को नेपाली लोगों के सेंटिमेंट को ठेस पहुंचाने के लिए कुछ सालों का बैन भी झेलना पड़ा था। मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले शाह के लिए बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि उसके दाऊद और प्ैप् से संबंध थे। इसकी जांच नेपाल की केंद्रीय जांच एजेंसी ने कई साल तक की।

नेपाल की राजनीति में दखल रखती है डी-कंपनी
केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि नेपाल के पूर्व मंत्री सलीम मियां अंसारी के बेटे यूनुस अंसारी पर ललितपुर की नक्खू जेल से दाऊद का नेटवर्क और नकली इंडियन करेंसी का सिंडिकेट चलाने का आरोप है। यूनुस एक नेशनल टीवी चैनल का चेयरमैन भी है। यूनुस अंसारी पर आईएसआई के इशारे पर कश्मीरी आतंकवादियों के लिए हथियारों की तस्करी करने का भी आरोप है। अंसारी के जेल जाने के बाद उसकी पत्नी ये सब संभालती है।

टेरर फंडिंग में भी दाऊद के लोग सबसे आगे
एनआईए सूत्रों के मुताबिक दाऊद इब्राहिम कट्टर इस्लामिक विचारधारा फैलाने वालों की फंडिंग कर रहा है। उसने जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को बड़ा डोनेशन दिया था। इसकी पुष्टि नाइक के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर आमिर गजदर ने भी की थी। आमिर ने बताया था कि दाऊद ने एक मीडिएटर सुल्तान अहमद के जरिए यह डोनेशन दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शक है कि गजदर ने नाइक के एनजीओ के लिए 200 करोड़ से ज्यादा डोनेशन जमा किया है।

समुद्र के रास्ते लाया जा रहा गोल्ड और डायमंड
विवेक अग्रवाल के मुताबिक, दाऊद इब्राहिम समुद्री रास्ते का इस्तेमाल गोल्ड और सिल्वर की स्मगलिंग के लिए करता है। आईएसआई की मदद से अब दाऊद गैंग के लोग फेक करेंसी को नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत ला रहे हैं। इस पूरे बिजनेस को छोटा शकील और जावेद चिकना देख रहे हैं।

सिगरेट की स्मगलिंग और ड्रग्स से आ रहा सबसे ज्यादा पैसा
तंबाकू की चीन से सबसे ज्यादा स्मगलिंग होती है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा सिगरेट का है। सिगरेट बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान भी तस्करी से ही आता है। पैसों को ट्रांसफर करने के लिए दाऊद हवाला नेटवर्क और साइबर फ्रॉड या साइबर क्राइम के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल करता है। ज्यादातर ट्रांजैक्शन हवाला के अलावा गोल्ड या डायमंड में कन्वर्ट कर हो रहा है।
                 दाऊद गैंग एमडीएमए, एलएसडी और केटामाइन ड्रग्स की तस्करी कर रही है। इसी से उसकी सबसे ज्यादा कमाई है। दो साल में एनसीबी और नारकोटिक्स सेल ने लगभग 2 हजार करोड़ की ड्रग्स मुंबई और आसपास से पकड़ी है। ड्रग्स की तस्करी में 4 अगस्त 2022 को जुबैर वैद मेमन और 4 फरवरी को अबू बकर अब्दुल गफूर शेख को पकड़ा गया था।

भारत में दाऊद का भाई इकबाल देख रहा काम
जांच एजेंसियों के मुताबिक, दाऊद का भाई इकबाल कासकर भारत में उसका सारा काम देख रहा है। वो दाऊद के राइट हैंड छोटा शकील के संपर्क में था। इकबाल ठाणे के बिल्डर सुरेश देवीचंद मेहता की शिकायत के बाद जेल में है और उसके साथ उसके दो गुर्गों मुमताज शेख और इसरार अली को भी पहले ठाणे पुलिस और फिर ईडी ने अरेस्ट किया है।
                 दाऊद का असर भारत में भले कम हो रहा हो, लेकिन विदेशों में उसने काफी कारोबार फैला लिया है। मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान में दूसरी शादी भी की थी। दाऊद की बहन हसीना पारकर के बेटे अली शाह ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के सामने यह खुलासा किया है। अली ने एजेंसी को बताया कि दाऊद ने पहली पत्नी महजबीं को अभी तलाक नहीं दिया है और वह अभी कराची में ही रह रहा है।

मुंबई में अंडरवर्ल्ड की वापसी, इस बार दाऊद का सिर्फ नाम, पूरी जिम्मेदारी अनीस इब्राहिम के पास
एनआईए को मुंबई में ड्रग्स और अवैध प्रॉपर्टी के जरिए टेरर फंडिंग के सबूत मिले हैं। इसके पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का सिंडिकेट काम कर रहा है। आईएसआई की मदद से आतंक का नया मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। एनआईए की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, दाऊद गैंग के लोग पाकिस्तान के सपोर्ट वाले आतंकी संगठनों तक फंड पहुंचा रहे हैं। ये काम दाऊद के नाम पर हो रहा है, लेकिन इसकी पूरी जिम्मेदारी उसके भाई अनीस के पास है।

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