बिहार/उमा सक्सेना/- चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और सात अन्य राज्यों में होने वाले उपचुनावों में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती की घोषणा की है। इस बार कुल 470 अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, जिनमें 320 आईएएस, 60 आईपीएस और 90 आईआरएस/आईआरएएस/आईसीएएस के अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान आयोग को रिपोर्ट देने और सुधार के सुझाव प्रदान करने का काम सौंपा गया है। उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों, साथ ही उम्मीदवारों के चुनाव खर्च पर भी निगरानी रखी जाएगी।

कौन कहां तैनात होगा
चुनाव आयोग ने बताया कि ये पर्यवेक्षक बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर (बडगाम और नगरोटा), राजस्थान (अन्ता), झारखंड (घाटसिला), तेलंगाना (जुबली हिल्स), पंजाब (तारण-तारन), मिजोरम (डम्पा) और ओडिशा (नुआपाड़ा) में होने वाले उपचुनावों के लिए भी नियुक्त किए गए हैं। ओडिशा की नुआपाड़ा विधानसभा सीट का उपचुनाव संभवतः बिहार चुनाव के साथ ही आयोजित किया जाएगा। यह सीट मौजूदा विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के कारण खाली हुई है।
पर्यवेक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारियां
चुनाव आयोग के अनुसार, केंद्रीय पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया में आयोग के “आंख और कान” होते हैं। उनका काम न केवल निर्वाचन क्षेत्रों की निगरानी करना है, बल्कि चुनाव में सुधार के लिए ठोस सुझाव भी देना है। सामान्य और पुलिस पर्यवेक्षक स्थानीय स्तर पर चुनाव के निष्पक्ष संचालन और प्रभावी प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाते हैं, जबकि व्यय पर्यवेक्षक उम्मीदवारों के खर्च की जांच करते हैं। इसके अलावा, ये अधिकारी मतदाताओं की जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने में भी योगदान देते हैं।
निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की दिशा में कदम
चुनाव आयोग के ताजा फैसले से यह स्पष्ट होता है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गुणवत्ता को बढ़ाना प्रमुख प्राथमिकता है। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव हर स्तर पर निष्पक्ष, तटस्थ और विश्वसनीय तरीके से संपन्न हों। आयोग ने कहा कि पर्यवेक्षक अपनी वरिष्ठता और प्रशासनिक अनुभव का उपयोग कर स्थानीय और राज्य स्तर पर चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता पर तुरंत ध्यान दिया जा सके।
राज्यों और सीटों का विवरण
बिहार विधानसभा चुनाव – सभी सीटें
जम्मू-कश्मीर – बडगाम और नगरोटा
राजस्थान – अन्ता
झारखंड – घाटसिला
तेलंगाना – जुबली हिल्स
पंजाब – तारण-तारन
मिजोरम – डम्पा
ओडिशा – नुआपाड़ा (उपचुनाव)
इस तरह, चुनाव आयोग ने बिहार और अन्य राज्यों में निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की व्यापक तैनाती की है।


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