’चुनावों में गड़बड़ी न होती अगर पाकिस्तान में होतीं ईवीएम’- इमरान खान

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 22, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

’चुनावों में गड़बड़ी न होती अगर पाकिस्तान में होतीं ईवीएम’- इमरान खान

-चुनावों में गड़बड़ी को लेकर जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान ने चुनाव आयोग को घेरा

इस्लामाबाद/सिमरन मोरया/- एक तरफ भारत में विपक्ष लगातार सरकार पर ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगातार लगाता रहा है वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में ईवीएम को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक इमरान खान ने पाकिस्तान में चुनावों में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग को घेरते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान में ईवीएम होती तो चुनावों में गड़बड़ी नही होती। हालांकि, देश की घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। उन्होने कहा कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया ही भ्रष्ट थी।
अदियाला जेल में बंद पीटीआई के संस्थापक ने एक पत्रकार से बातचीत के दौरान कहा, “अगर आज ईवीएम होतीं तो एक घंटे के अंदर मतदान में गड़बड़ियों के सारे मुद्दे सुलझा लिए जाते।“ इमरान ने कहा कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग, कुछ राजनीतिक दलों और ’संस्थान’ ने देश में ईवीएम लाने की योजना को बर्बाद कर दिया।

’जनादेश चुराने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चले’
रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान इमरान ने कहा कि आम चुनाव में जनता के जनादेश को चुराने वालों पर देशद्रोह के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। इमरान ने अमेरिका में आईएमएफ के दफ्तर के बाहर हुए प्रदर्शनों का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने इसमें पाकिस्तानी सेना के विरोध में लगे नारेबाजी से खुद को दूर कर लिया।
        पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए इमरान ने कहा कि मुश्किल में पड़ी इकोनॉमी को संभालना मौजूदा सरकार के लिए नामुमकिन है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि उनकी पार्टी ने देश को आर्थिक संकट में छोड़ा। इमरान खान ने कहा कि 2018 में जब पीएमएल-एन सरकार से गई तब व्यापार घाटा 20 अरब डॉलर पहुंच चुका था और हमारे पास आईएमएफ के पास जाने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं था।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox