मानसी शर्मा /- 1 फरवरी को देश का बजट वित्त मंत्री यानी निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। हालांकि, लोकसभा चुनाव वाला साल होने के चलते यह अंतरिम बजट होगा। लेकिन इस बार के बजट को लेकर सभी लोगों को काफी उम्मीदें हैं, इनकम टैक्स में छूट से लेकर रोजगार तक सभी सेक्टर इस बजट में राहत की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतने बड़े देश का बजट कैसे बनता है? आम जिंदगी में अक्सर हमें अपने घर का बजट बनाने में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, तो जरा सोचिए कि भारत के इतने सारे लोगों की सभी जरूरतों का ख्याल रखना कितना चुनौतीपूर्ण होगा।
छह महीने पहले से ही की जाती है तैयारी
इसे वित्त मंत्रालय द्वारा नीति आयोग और अन्य संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से तैयार किया जाता है।वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) का बजट प्रभाग बजट बनाने के लिए जिम्मेदार नोडल निकाय है। बजट बनाने की प्रक्रिया अगस्त-सितंबर में शुरू होती है, यानी इसकी प्रस्तुति की तारीख से लगभग छह महीने पहले।
भारत में बजट को तैयार करने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। बजट बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) और स्वायत्त निकायों (Autonomous Bodies)को एक सर्कुलर जारी कर आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट का अनुमान तैयार करने को कहता है। इन सर्कुलरों में मंत्रालयों से उनकी मांगों के बारे में पूछा जाता है। इसमें आपको अपना अनुमान पेश करने के अलावा मंत्रालय को पिछले वर्ष मेंकमाई और खर्चों का भी खुलासा करना होता है।
भारत में बजट कौन तैयार करता है?
अनुरोध प्राप्त होने के बाद, सरकार के शीर्ष अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जाती है। मंत्रालयों और व्यय विभाग के बीच व्यापक विचार-विमर्श किया जाता है। अप्रूवल के बाद, डेटा को वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है। वित्त मंत्रालय, सभी सिफारिशों पर विचार करने के बाद, विभिन्न विभागों को उनके भविष्य के खर्च के लिए बजट आवंटित करता है। यदि धन के अलॉटमेंटपर विवाद होता है, तो वित्त मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल या प्रधानमंत्री से परामर्श करता है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए DEAऔर राजस्व विभाग द्वारा किसानों, छोटे व्यवसाय मालिकों, विदेशी संस्थागत निवेशकों जैसे अन्य हितधारकों से भी परामर्श किया जाता है।
गोपनीयता का रखा जाता है खास ख्याल
बजट बनाने की प्रक्रिया इतनी गोपनीय रखी जाती है कि इसकी जानकारी वित्तमंत्री और उनकी टीम के अलावा सिर्फ प्रधानमंत्री को ही होती है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को बजट के अंतिम दिनों में परिवार के लिए समय निकालना भी मुश्किल होता है। बजट प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए उनका संपर्क पूरी दुनिया से कटा रहता है। बजट के अंतिम समय में तो उनके मोबाइल रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है। ऐसे में इस दौरान नॉर्थ ब्लॉक के आसपास बिना कारण घूमना भी खतरे से खाली नहीं होता है। बजट तैयार हो जाने के बाद, इसे नॉर्थ ब्लॉक के उस कमरे में रखा जाता है जहां की सुरक्षा अभेद होती है।
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