नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा के बीच उपजे तनाव को देखते हुए अब भारत ने खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करने की तैयारी कर ली है। भारत सरकार कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों की पहचान करके उनका ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया यानी ओसीआई कार्ड को कैंसिल करने की तैयारी में है।
सरकार के इस कदम के बाद ये आतंकी भारत नहीं आ पाएंगे। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार ने विदेश में रह रहे आतंकियों की प्रॉपर्टीज की भी पहचान करने के आदेश दिए हैं। एनआईए ने शनिवार को ही खालिस्तानी आतंकी पन्नू की चंडीगढ़ और अमृतसर की प्रॉपर्टी को जब्त किया था। कानूनी तौर पर अब ये प्रॉपर्टी सरकार की हो गई हैं।
एनआईए ने खालिस्तानी समर्थकों की नई लिस्ट जारी की
सरकार की तरफ से सख्ती की खबरों के बीच एनआईए ने खालिस्तानी समर्थकों की नई लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में परमजीत सिंह पम्मा, कुलवंत मुठड़ा, सुखपाल सिंह, सरबजीत बेनूर, कुलवंत, गुरप्रीत सिंह, हारजप, हरप्रीत सिंह, रणजीत नीता, गुरमीत सिंह, जसमीत हकीमजादा, गुरजंत ढिल्लन, लखबीर रोड़े, अमरदीप पुरेवाल, जतिंदर ग्रेवाल, दुपिंदर जीत, एस हिम्मत सिंह, वाधवा सिंह (बब्बर चाचा) और जे धालीवाल के नाम शामिल है।
इससे पहले एनआईए ने 20 सितंबर को भी 11 गैंगस्टर और आतंकियों की लिस्ट जारी की थी। शनिवार को एनआईए ने आतंकी निज्जर के पंजाब स्थित घर पर छापा मारा था। इस पर संपत्ति जब्त करने का नोटिस चिपकाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि एनआईए ने हरदीप सिंह निज्जर की अचल संपत्ति को जब्त करने के लिए याचिका दी है। इस मामले में रिश्तेदार-नजदीकी 11 अक्टूबर को स्पेशल एनआईए कोर्ट मोहाली में पेश होकर अपना पक्ष रख सकते हैं।
ट्रूडो बोले- भारत को कुछ हफ्ते पहले सबूत दिए
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को फिर से भारत पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। ओटावा में मीडिया से बातचीत में ट्रूडो ने बताया था कि हमने कुछ हफ्ते पहले ही भारत सरकार से ऐसे सबूत साझा किए थे, जो हमारे आरोपों को पुख्ता करते हैं। हम चाहते हैं कि दिल्ली जांच में हमारा सहयोग करे।
भारत बोला- कनाडा के आरोप बेतुके
कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को भारत लगातार खारिज करता आया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे च्ड मोदी के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।
क्या होते हैं ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड
ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया योजना को अगस्त 2005 में शुरू किया गया था। इसके लिए सिटिजनशिप एक्ट 1955 में बदलाव हुए थे। इसके तहत वे सभी लोग भारत के ओवरसीज सिटिजन के तौर पर रजिस्टर करवा सकते हैं, जो भारतीय मूल के हैं, जो 26 जनवरी 1950 या उसके बाद भारत के नागरिक थे या जो इस तारीख पर भारत की नागरिकता के योग्य थे। इसके अलावा पाकिस्तान या बांग्लादेश या भारत सरकार की तरफ से विशेष तौर पर बताए गए किसी दूसरे देश का नागरिक न हो।
ओसीआई एक तरह से भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है, साथ ही ओसीआई धारक व्यक्ति जब चाहे बिना वीजा के भारत आ सकता है। ओसीआई कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है।
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