खड़गे का बीजेपी पर हमला: “जो लोग आज संविधान बचाने की बात कर रहे हैं, वही कभी जला चुके हैं गांधी-अंबेडकर की तस्वीरें”

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November 14, 2025

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खड़गे का बीजेपी पर हमला: “जो लोग आज संविधान बचाने की बात कर रहे हैं, वही कभी जला चुके हैं गांधी-अंबेडकर की तस्वीरें”

नई दिल्ली/अनिशा चौहान/-  आपातकाल की 50वीं बरसी पर जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। बुधवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जो लोग आज संविधान की दुहाई दे रहे हैं, उनका स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान निर्माण से कोई लेना-देना नहीं रहा है।

खड़गे ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की ओर से एक परिपत्र जारी कर सभी राज्यों को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया है। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि जो लोग अब संविधान बचाने की बात कर रहे हैं, वे उस विषय को उठाने की कोशिश कर रहे हैं जो अतीत का हिस्सा बन चुका है। जिनका स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, वे अब हमें नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े लोग गांधी जी, अंबेडकर जी और अन्य राष्ट्रनिर्माताओं की तस्वीरें तक जला चुके हैं, और अब उन्हीं के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

“देश में चल रहा है अघोषित आपातकाल”
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि आज देश में एक अघोषित आपातकाल लागू है। उन्होंने कहा कि भाजपा ‘संविधान बचाओ यात्रा’ से घबरा गई है, इसलिए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को लेकर यह राजनीतिक नौटंकी कर रही है। जो लोग अपनी सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी, महंगाई, नोटबंदी जैसे मुद्दों पर कोई समाधान नहीं दे सके, वे अब अपनी **विफलताओं और झूठ को छिपाने के लिए आपातकाल का सहारा ले रहे हैं। खड़गे ने यह भी कहा कि भाजपा की ओर से बार-बार आपातकाल की बात करके सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। जबकि मौजूदा समय में सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विपक्ष की आवाज और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर लगातार हमला किया जा रहा है।

आपातकाल की 50वीं बरसी पर यह साफ है कि यह विषय न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि मौजूदा राजनीतिक विमर्श का भी केंद्र बन गया है। एक ओर भाजपा इसे लोकतंत्र की रक्षा का प्रतीक बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे भाजपा की विफलताओं से ध्यान भटकाने का प्रयास करार दे रही है।

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