• DENTOTO
  • क्या 23 अगस्त बन जाएगा ऐतिहासिक दिन , हो पाएगी चंद्रयान -3 कि सफलता पूर्वक लैंडिंग

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 18, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    क्या 23 अगस्त बन जाएगा ऐतिहासिक दिन , हो पाएगी चंद्रयान -3 कि सफलता पूर्वक लैंडिंग

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/ नई दिल्ली  /मानसी शर्मा/-  चांद पर अपना मिशन लॉन्च करने का सपना हर देश देखता है, जिससे पूरी दुनिया में उस देश की वाह-वाह हो सकें। तो वहीं, इस समय पूरी दुनिया भारत के चंद्रयान 3 और रुस के Luna 25 पर टिकी हुई थी । लेकिन लूना 25 चांद पर उतरने से पहले ही असफल हो गया है। हालांकि, पिछले 4 सालों में देखा जाएं तो ऐसे चार करीबी देश है जो चांद पर उतरने से पहले ही असफल हो गए है। मुख्यतौर पर भारत ही है जिसने चंद्रयान 2 के असफल होने के बाद अपनी गलतियों को सुधारा और वापसी की हिम्मत जुटाई है। 

    इन 4 देशों ने चांद पर उतारा था मिशन

    चांद पर विजय हासिल करने के लिए इन देशों की ओर से प्रयास किए गए थे। भारत (चंद्रयान 2), इजरायल (बेरेशीट), जापान ( हकूतो- आर) और रूस (लूना 25) का नाम इन चार देशों में शामिल है, जहां निजी स्पेस एजेंसियां या सरकारे चांद पर पहुंचने की कोशिश कर चुकी हैं। इन सभी को मिशन में असफलता ही हाथ लगी। अच्छी बात तो ये है कि हर बार यान लैंडिंग यानी अंतिम प्रक्रिया के दौरान ही फेल हुए और चांद की सतह पर क्रैश हो गए।

    2019 में इसरो के अध्यक्ष ने दी जानकारी

    2019 में भारती अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के तत्कालीन अध्यक्ष के सिवन ने लैंडिंग प्रक्रिया को ‘दहशत के 15 मिनट’ तक करार दे दिया था। लेकिन अअब खास बात है कि चांद पर उतरने की कोशिश करने और असफल होने वाले देशों में एकमात्र भारत ही है, जो दूसरा प्रयास कर रहा है। साल 2019 में हुई परेशानी से सबक लेते हुए चंद्रयान-3 में कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

    23 अगस्त को होगी लैंडिंग

    ‘चंद्रयान-3’ 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चांद के लिए रवाना किया गया था। लेकिन अब ऐसा माना जा रहा हैं कि अलग-अलग चरणों की सफलता के बाद चंद्रयान-3 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।

    चीन चांद पर पहली बार में ही सफल हुआ

    दरअसल, चांद पर उतरने की सबसे पहला सफल प्रयास 1966 और 1976 के दशक में हुए है।हालांकि, इनके अलावा हालिया समय में चीन इस मामले में काफी सफल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्रैगन ने साल 2013 में अंतरिक्ष यान चांद ई-3 को पहली बार सफलतापूर्वक चांद पर उतार दिया था। वहीं अगर हम बात करें तो वर्ष 2019 में चांग-ई 4 भी चांद पर उतरने में सफलता हासिल की है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox