नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- कोलकाता में हालिया घटना के विरोध में देशभर में आक्रोश फैला हुआ है। इसी बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कार्यरत 42 प्रोफेसरों और डॉक्टरों के तबादले कर दिए हैं। इनमें आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसर और डॉक्टर भी शामिल हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने इन तबादलों की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं की है।
डॉक्टरों ने तबादलों को लेकर साजिश का संदेह जताया
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि ये तबादले साजिश के तहत किए गए हैं। डॉ. किंजल नंदा ने कहा, “प्रोफेसर डॉ. संगीता पॉल ने हमारे आंदोलन का समर्थन किया था, लेकिन अब उनका तबादला कर दिया गया है। हमें नहीं पता कि यह क्यों किया गया। हम न्याय की मांग कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के तबादले आंदोलन को दबाने के लिए किए गए हैं।
आरजी कार में काम बंद करने का निर्णय
आरजी कर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने काम बंद करने का फैसला किया है। वे अब कोर्ट में अपना पक्ष खुद रखने का निर्णय ले चुके हैं और अपनी कानूनी टीम को हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मुख्य मांगें
प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रमुख मांग की है कि सभी दोषियों को उचित सबूतों के साथ गिरफ्तार किया जाए और सीबीआई द्वारा एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाए। इसके साथ ही, उच्च अधिकारियों से लिखित माफी और इस्तीफे की भी मांग की गई है।
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