कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ ने फिर जारी की चेतावनी, कहा कोरोना का खतरा टला नहीं

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 21, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ ने फिर जारी की चेतावनी, कहा कोरोना का खतरा टला नहीं

-नया वैरिएंट या वायरस आ सकता है, ज्यादा जानलेवा महामारी के लिए तैयार रहें

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जेनेवा/शिव कुमार यादव/- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के बाद अगली महामारी को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के गवर्नर जनरल टेड्रोस एडनम घेब्रेयसस ने कहा कि दुनिया को अगले पेंडेमिक के लिए तैयार रहना चाहिए जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
                  स्विटजरलैंड के जेनेवा में हुई 76वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इस दौरान टेड्रोस ने कहा- कोरोना भले ही अब ग्लोबल इमरजेंसी नहीं है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे अब कोई खतरा नहीं है। कोविड-19 का नया वैरिएंट कभी भी आ सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि कोई नई बीमारी सामने आ जाए जो इससे कहीं ज्यादा खतरनाक हो। ऐसे में हमें अभी से तैयारी करनी होगी।

कोरोना से मौत का असली आंकड़ा 2 करोड़ से ज्यादा
मीटिंग में टेड्रोस ने कहा- कोविड-19 सदी की सबसे खतरनाक बीमारी रही। जब कोरोना आया तो हम इससे मुकाबले के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन दूसरी महामारी जरूर आएगी और हमें हर तरह से साथ मिलकर इसका सामना करना होगा। कोरोना के चलते करीब 70 लाख लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि वास्तविक आंकड़ा 2 करोड़ से ज्यादा हो सकता है। ये देखते हुए हमें अपने हेल्थ सेक्टर में जल्द से जल्द जरूरी बदलाव करने की जरूरत है।

कोरोना ग्लोबल हेल्थ टारगेट्स के लिए चैलेंज रहा
महामारी ने 2017 की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली मीटिंग में घोषित ट्रिपल बिलियन लक्ष्यों की प्रगति को भी प्रभावित किया। टेड्रोस ने कहा कि भले ही कोरोना हमारे टारगेट के लिए बड़ा चैलेंज रहा लेकिन इससे हमें ये भी पता चला कि क्यों सस्टेनेबल गोल्स पर फोकस बनाए रखना जरूरी है। इस पीढ़ी में महामारी से समझौता नहीं करने की प्रतिबद्धता है क्योंकि यह वह लोग हैं, जिन्होंने अनुभव किया कि एक छोटा सा वायरस कितना भयानक हो सकता है।
                  इससे पहले 5 मई को डब्ल्यूएचओ ने घोषणा की थी कि कोरोना अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है। इसकी वजह तेजी से कम होते एक्टिव केस और मौत के आंकड़ों को बताया गया। टेड्रोस ने कहा था- वैक्सीनेशन की वजह से हमें काफी कामयाबी मिली। हेल्थ सिस्टम पर अब प्रेशर भी बहुत कम हो गया है। ज्यादातर देश नॉर्मल लाइफ पर लौट चुके हैं।

भारत में 27 जनवरी 2020 को आया था पहला केस
कोविड से दुनिया में करीब 70 लाख लोग मारे गए। 30 जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल इमरजेंसी डिक्लेयर किया गया था। कोविड से सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में मारे गए थे। भारत में इसका पहला केस केरल में 27 जनवरी 2020 को मिला था। आउटब्रेक इंडिया के मुताबिक, देश में अभी तक कोरोना के 4.49 करोड़ से ज्यादा केस आ चुके हैं। वायरस से 5.31 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ पार कर चुका है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox