चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- चंडीगढ़ मेयर चुनाव में एक बड़ा उलटफेर सामने आया है। दरअसल चंडीगढ़ मेयर चुनाव की एससी में सुनवाई चल रही है और सोमवार को इस पर सुनवाई होनी है लेकिन सुनवाई से ठीक पहले चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चंडीगढ़ भाजपा प्रमुख जितेंद्र मल्होत्रा ने इसकी पुष्टि की है। लेकिन इसी बीच आप के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावट और गुरचरण काला भाजपा में शामिल हो गये है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा पर धोखाधड़ी से मेयर बनाने का आरोप लगाया है। जिसकी सुनवाई एससी में चल रही है।
आप पार्षद नेहा मुसावत, पूनम देवी और गुरुचरण काला दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए। तीन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब आप-कांग्रेस पार्षदों की संख्या 20 से घटकर 17 हो गई है। इसमें आप के 10 और कांग्रेस के 7 पार्षद शामिल हैं। दूसरी तरफ़, बीजेपी ने चुनाव में 14 वोट हासिल किए थे। आप के तीन पार्षदों के आने के बाद अब ये संख्या 17 हो गई है। वहीं, उनके पास चंड़ीगढ़ सांसद किरण खेर और शिरोमणी अकाली दल के एकमात्र पार्षद का समर्थन है। इस तरह बीजेपी के खाते में अब 19 वोट हो गए हैं। बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक सांसद के वोट के बाद 36 वोट होते हैं। इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 है।
मीडिया से बात करते हुए नेहा मुसावत ने कहा, “मैं सबसे ज़्यादा पढ़ी-लिखी हूं। आप ने मुझे मेयर पद का कैंडिडेट बनाने का वादा किया था। जब कुलदीप कुमार को आप-कांग्रेस का मेयर कैंडिडेट घोषित किया गया, तो मुझे हैरानी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों और दलितों के लिए जो किया है, मैं उससे प्रभावित हूं।“
चंड़ीगढ़ मेयर पद के लिए 30 जनवरी को हुए चुनाव में मनोज सोनकर ने कुलदीप कुमार के खिलाफ़ जीत हासिल की थी। तब रिटर्निंग ऑफ़िसर अनिल मसीह ने आप-कांग्रेस के 8 वोटों को रद्द कर दिया था। साथ ही चुनाव में बीजेपी के जीत की घोषणा कर दी थी। अनिल मसील का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में वो बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे थे। आप और कांग्रेस ने इसके ़खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और इस वीडियो को सुप्रीम कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया था।
भाजपा का पूर्ण बहुमत का दावा
आजतक की रपट के मुताबिक़, बीजेपी नेता अरुण सूद ने कहा कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। मेयर उनका ही रहेगा। वहीं, गुरुचरण काला ने कहा कि वो पहले भाजपा में ही थे और कुछ लोगों के साथ गुमराह हो गए थे। अब वो फिर अपनी पुरानी पार्टी में लौट आए हैं।
’लोकतंत्र की हत्या’
5 फ़रवरी को इस कथित धांधली के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रिसाइडिंग ऑफ़िसर को कड़ी फटकार लगाई थी। सीजेआई ने इस चुनाव को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा था कि “क्या प्रिसाइडिंग ऑफ़िसर इस तरह चुनाव कराते हैं? इस आदमी पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए। ये लोकतंत्र का मज़ाक है, लोकतंत्र की हत्या है।“ साथ ही उन्होने कहा कि कोर्ट प्रिसाइडिंग ऑफ़िसर के बर्ताव को देखकर हैरान है। ये साफ है कि बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ की गई है।
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