एमसीडी जल्द दें वेतन-पेशन, वर्ना कर देंगे बंद- हाईकोर्ट की एमसीडी को चेतावनी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 22, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

एमसीडी जल्द दें वेतन-पेशन, वर्ना कर देंगे बंद- हाईकोर्ट की एमसीडी को चेतावनी

-निगम ने दिल्ली हाईकोर्ट को 10 में वेतन-पेंशन देने की कही बात

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- उच्च न्यायालय ने एमसीडी को पूर्व और सेवारत कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और बकाये का तुरंत भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने एमसीडी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एमसीडी इसमें विफल रहती है तो उसे बंद करने का आदेश देने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि निगम ने 10 दिन के अंदर वेतन व दूसरे भुगतान करने का आश्वासन दिया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा, यह मामला चार साल से खिंच रहा है। हम एक अच्छे दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब आप अपनी वित्तीय स्थिति में वृद्धि करेंगे। हम आपको आखिरी मौका दे रहे हैं। अपना घर ठीक करें, इसे व्यवस्थित करें अन्यथा हम कहेंगे कि यह एक उपयुक्त मामला है जहां नगर निगम को बंद करने की आवश्यकता है।
          पीठ ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन, पेंशन और बकाया का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है और यदि एमसीडी ऐसा करने की स्थिति में नहीं है, तो परिणाम भुगतना होगा। अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने संसाधनों को बढ़ाने के तरीके और साधन खोजने के लिए एमसीडी का इंतजार नहीं करेगी। सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है।

दस दिन में कर दिया जाएगा वेतन व पेंशन का भुगतान
कोर्ट की फटकार के बाद एमसीडी के स्टैंडिंग काउंसिल दिव्य प्रकाश पांडे ने हलफनामा दिया कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशन 10 दिनों में जारी कर दिया जाएगा। पांडे ने कहा कि वह बकाया के मुद्दे पर निर्देश लेंगे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि एमसीडी बकाया चुकाने के लिए कदम उठा रही है और एक समय बकाया में भुगतान की जाने वाली कुल राशि लगभग एक हजार करोड़ थी जो अब घटकर 400 करोड़ रह गई है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox