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    एनकाउंटर में मारा गया अतीक अहमद का बेटा असद, शूटर गुलाम भी ढेर

    - यूपी एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, दोनो पर पांच-पांच लाख का था इनाम

    – वारदात के बाद से दिल्ली में छिपे थे दोनो आरोपी, यहां से अजमेर भागे
    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/उत्तर प्रदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- उमेश पाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने झांसी में बड़ी कार्रवाई की है। उमेश पाल हत्याकांड में वांछित माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया है। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वांछित असद और गुलाम पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। अतीक अहमद का बेटा असद और मकसूद अहमद का बेटा गुलाम झांसी में डीएसपी नवेंदु और डीएसपी विमल के नेतृत्व में यूपीएसटीएफ की टीम के साथ मुठभेड़ में मारा गया। दोनों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं। दोनों आरोपी वारदात के बाद से दिल्ली में ही छिपे हुए थे और हर दूसरे दिन घर बदल रहे थे। एनकांउटर के डर से दोनों के पास कई हथियार हमेशा रहते थे।

                      बताया जा रहा है कि झांसी में यूपी एसटीएफ ने असद और गुलाम को सरेंडर करने के लिए कहा था, लेकिन असद और गुलाम ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। यूपी एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों को मार गिराया। बता दें कि कि 24 फरवरी को पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद से ही असद और गुलाम फरार थे।

                      पुलिस अधिकारियों के अनुसार माफिया डॉन का बेटा व शूटर दिल्ली में 15 दिन की पनाह के दौरान इन आरोपियों के घर में ही रहे थे। कभी कभार ये संगम विहार में ही घूमने निकल जाते थे। दोनों आरोपी घूमने के लिए कभी संगम विहार से बाहर नहीं गए। ये दोनों उमेश पाल की हत्या के बाद ही दिल्ली आ गए थे। गौरतलब है कि दोनों ने दिल्ली में भी कई दिनों तक पनाह ली थी। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद व शूटर गुलाम को दिल्ली में एनकाउंटर होने का डर सताता रहा था। यही वजह थी कि असद अहमद हमेशा तीन से चार हथियारों के साथ रहता था।
                       सोते समय भी वह हथियार अपने पास रखता था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के सूत्रों की माने तो असद अहमद गुलाम के साथ हथियार समेत फरार हुआ था। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आने से असद मामूली फासले से बच गया। स्पेशल सेल की टीम दो दिन बाद संगम विहार पहुंची थी। इससे पहले असद गुलाम के साथ फरार हो गया था।
                      स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि माफिया डॉन अतीक अहमद के पूर्व ड्राइवर शफीक ने असद के दिल्ली ठहरने की व्यवस्था की थी। उसने असद को अपने जानकार जीशान, खालिद व जावेद के पास दिल्ली भेजा था। बताया जा रहा है कि ये लोग यूपी से बस से दिल्ली पहुंचे थे। बस अड्डे से ये ऑटो से संगम विहार गए थे। इन मददगारों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्होंने शफीक के कहने पर असद को अपने घर में पनाह दी थी। असद तीनों के घर में रूका था और दो दिन बाद घर बदल लेता था। संगम विहार में रहने के दौरान किसी पड़ोसी ने आरोपियों को पहचाना नहीं था।

    ज्यादातर दिन घर के भीतर ही बिताए
    पुलिस अधिकारियों के अनुसार माफिया डॉन का बेटा व शूटर दिल्ली में 15 दिन की पनाह के दौरान इन आरोपियों के घर में ही रहे थे। कभी कभार ये संगम विहार में ही घूमने निकल जाते थे। दोनों आरोपी घूमने के लिए कभी संगम विहार से बाहर नहीं गए। ये दोनों उमेश पाल की हत्या के बाद ही दिल्ली आ गए थे।
                      पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान असद ने अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। वह मददगारों के फोन से ही यूपी में कई जगह बात करता था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जावेद भी हथियार रखता था। असद व शूटर ज्यादातर जावेद के घर रहे थे। तीन मददगार संगम विहार में आसपास ही रहते हैं।

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