
नरेला/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- नरेला जोन के एमसीडी वार्ड नांगल ठाकरान वार्ड के कुतुबगढ़ गांव में गलियों के निर्माण को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि गलियों में मिट्टी पर ही सीमेंट कंक्रीट डाल बना कर गलियां बना दी गई। जिसका खुलासा ग्रामीणों ने डीसी राकेश कुमार के निरिक्षण दौरे के दौरान सबके सामने उजागर किया। पहली नजर में इस भ्रष्टाचार में एमसीडी अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत साफ दिखाई दे रही है। क्योंकि गलिया बन गई और बगैर निरिक्षण के अधिकारियों ने उन्हे पास कर दिया लेकिन ग्रामीणों ने डीसी के सामने इसकी पोल खोल कर रख दी जिसकारण नरेला जोन में हड़कंप मच गया है।

यहां बता दें कि उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना ने कुतुबगढ़ को पहला माडल गांव घोषित किया है। जिसे प्रधान मंत्री ग्रामोदय योजना के तहत एमसीडी की देखरेख में गांव के विकास कार्य कराये जा रहे हैं लेकिन दिल्ली नगर निगम के करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार की पोल बृहस्पतिवार 24 अप्रैल 2025 को गांव कुतुब गढ़ में खुल गई। जब यह घोटाला सामने आया तो दिल्ली नगर निगम नरेला जोन के उपायुक्त श्री राकेश कुमार मौके पर मौजूद थे। गांव की नवनिर्मित ज्यादातर गलियां टेंडर शर्तों का सरेआम उल्लंघन कर मिट्टी के ऊपर सीमेंट कंक्रीट डालकर कर बना दी गई हैं जिससे कई जगह नवनिर्मित गलियां टूट भी गई है।

भ्रष्टाचार में शामिल एमसीडी अधिकारी व ठेकदार के गठजोड़ पर लालच इस कदर हावी था कि उनको इतनी भी परवाह नहीं थी कि उत्तर पश्चिम दिल्ली जिला की बवाना विधानसभा का कुतुबगढ़ गांव दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना द्वारा बनाया गया पहला ’मॉडल विलेज’ है।
ग्रामीणों द्वारा उपराज्यपाल श्री सेक्सना को एक्स/ट्वीटर पर शिकायत भेजने के बाद प्रशासन की नींद टूटी। दिल्ली सरकार के मंत्री तथा बवाना से विधायक श्री रविन्द्र इंदराज ने भी इस मामले में डीएम उत्तर पश्चिम जिला तथा डीसी नरेला जोन को मौके पर जांच करने के निर्देश दिये थे। पीड़ादायक तो ये हैं कि प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना के तहत मिले बजट को ही भ्रष्टतंत्र ने अपनी तिजोरियों में भर लिया।
बृहस्पतिवार 24 अप्रैल 2025 दोपहर को डीसी नरेला जोन श्री राकेश कुमार कुतुब गढ़ गांव पहुंचे। शिकायतकर्ता श्री आनंद राणा (अध्यक्ष, यूनिटी फॉर डवलपमेंट) ने कुछ दिन पहले बनी सीमेंट कंक्रीट की वे गलियां डीसी नरेला जोन को दिखाई। डीसी श्री राकेश कुमार ने अपने सामने ही नवनिर्मित गली की खुदाई करवाई तो सीमेंट कंक्रीट के नीचे मिट्टी ही मिट्टी मिली। डीसी साहब ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से सवाल किये तो किसी भी अधिकारी के सामने खुलेआम किये गये घोटाले को छुपाने के लिए कोई जवाब नहीं था। टेंडर नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। सीमेंट कंक्रीट की क्वालिटी और मोटाई में भी घपला सामने आया है।

कुतुब गढ़ गांववासी इस घोटाले को लेकर आक्रोशित हैं। मॉडल गांव के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गांववासियों को उम्मीद है कि उपराज्यपाल श्री वीके सक्सेना भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे ताकि भविष्य में कोई भ्रष्ट गठजोड़ विकास कार्यों की धनराशि को लूटने की हिम्मत न जुटा पाये। कुतुब गढ़ गांववासी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह को भी हस्ताक्षर अभियान चलाकर इस घोटाले की शिकायत भेजेंगे।
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