नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- उत्तर प्रदेश में अब तक कई जिलों, स्टेशनों और शहरों के नाम समय समय पर बदले गए हैं। इस बीच कानपुर देहात के कस्बे अकबरपुर का नाम बदलने की चर्चा जोरों पर है। जिसके चलते सीएम योगी आदित्यनाथ का एक बयान अब चर्चाओं में है। इस बयान में सीएम योगी कहा है कि शहर का नाम ऐसा है कि बार-बार बोलने में भी सोचना पड़ता है। इसका नाम लेने में मुंह का स्वाद खराब हो जाता है। निश्चिंत रहें, समय पर ये बदल जाएंगी। हमें अपने देश से उपनिवेशवाद के सभी अवशेषों को खत्म करना होगा और अपनी विरासत का सम्मान करना होगा।
क्या है अकबरपुर का इतिहास?
मान्यता है कि अकबरपुर का प्राचीन नाम गुड़ईखेड़ा था। गुड़ईखेड़ा का मतलब गुणीजन के डेरे से है। कहा जाता है कि यहां पहले संगीत और अन्य कलाओं में निपुण लोग रहते थे। इसी कारण इस क्षेत्र का नाम गुड़ईखेड़ा पड़ा था। लेकिन मुगल शासन में इस क्षेत्र का नाम बदला गया। मुगल शासक अकबर के कार्यकाल में रिसालदार कुंवर सिंह ने क्षेत्र को शाहपुर अकबरपुर का नाम दिया। कुछ समय बाद नाम में फिर बदलाव हुआ। शाहपुर को हटाकर केवल अकबरपुर नाम कर दिया गया, जो मुगल शासक अकबर के नाम पर था।
क्या हो सकता है नया नाम?
अकबरपुर का नाम बदलने की मांग पुरानी है। कई बार ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं। अकबरपुर का नाम बदलकर अमरपुर या महाराणा प्रताप नगर किए जाने की मांग चल रही है।
कई और जिलों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव हैं
अकबरपुर से पहले राज्य के कई जिलों के नाम बदलने पर विचार किया गया है, जिनमें अलीगढ़, आजमगढ़, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद और मुरादाबाद शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता संभालने के बाद ऐतिहासिक पराधीनता के प्रतीकों को मिटाने के मिशन पर काम शुरू किया है।


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