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    इस्कॉन द्वारका में बाल संरक्षण सुरक्षा समिति की स्थापना

    -बाल संरक्षण समिति यानी चाइल्ड प्रोटेक्शन टीम (सीपीटी) द्वारा होगा सुरक्षा का संचालन -सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों का आध्यात्मिक विकास भी

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- देश में स्वास्थ्य, सुरक्षा और चिकित्सा जैसे मुद्दों पर विभिन्न सामाजिक संस्थाएँ एवं प्रशासन हमेशा तत्पर रहता है और जब बात बच्चों की हो तो और भी सतर्कता बरती जाती है। ऐसा ही एक प्रयास इस्कॉन द्वारका की ओर किया गया है जहाँ बच्चों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण समिति की स्थापना की गई।  

    हाल ही में इस्कॉन द्वारका दिल्ली में बाल संरक्षण कार्यालय भारत की सह निदेशक दैवी प्रकृति देवी दासी ने दौरा किया और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित अनेक मुद्दों पर कदम उठाए। उनका कहना है कि पिछले दो सालों से यह विभाग इस्कॉन द्वारका में स्थापित हुआ है लेकिन अब इसका संचालन विशेष समिति द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना में इस्कॉन के जीबीसी परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का विशेष योगदान रहा है। उनका प्रयास रहा कि भारत में भी एक बाल संरक्षण कार्यालय हो। इस्कॉन के सभी मंदिरों में इसकी स्थापना हो और इस्कॉन के मंदिरों में बाल संरक्षण के संदर्भ में जो भी नियम हों, उन्हें सुचारु रूप से लागू किया जाए। इस प्रकार इसे लागू करके हम मंदिर में आने वाले सभी बच्चों को संरक्षण प्रदान कर सकते हैं। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में बच्चों के साथ कुछ भी नकारात्मक व्यवहार अथवा कुछ भी गलत घटित न हो। इस समिति द्वारा इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
             मंदिर से जुड़ी अनेक गतिविधियों एवं कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों में विशेष संस्कारों का संचय होता है और उन्हें इस प्रकार गढ़ा जाता है ताकि उन्हें आध्यात्मिक शिक्षा भी मिल सके। जैसे प्रह्लाद फन स्कूल, संडे फन स्कूल आदि में बच्चों को बहुत छोटी उम्र से ही आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है। यहाँ उन्हें श्लोक सिखाए जाते हैं, जप करवाना सिखाते हैं। तो इस तरह वे भौतिक जगत की समस्याओं का सामना करने में सक्षम हो पाते हैं।
             हाल ही में दैवी प्रकृति देवी दासी ने इस्कॉन द्वारका का दौरा किया और बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों को लेकर कुछ कदम उठाए हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को सही समय पर सुरक्षा प्राप्त हो सके। इसके लिए उन्होंने यहाँ बाल संरक्षण समिति अर्थात चाइल्ड प्रोटेक्शन टीम (सीपीटी) की स्थापना की। इस अवसर पर उनके साथ सीपीटी के कुछ सदस्य भी शामिल थे, जिन्होंने इस प्रक्रिया को संचालित करने के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। ताकि इसके सदस्य यह देख सकें कि यहाँ सभी नियमों का यथावत पालन हो रहा है या नहीं एवं बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान मिल रहा है या नहीं।
                अधिक जानकारी के लिए आप https://www.iskconchildprotection.org की साइट पर भी जा सकते हैं। जहाँ बाल संरक्षण टीम इस्कॉन, इस्कॉन बाल संरक्षण कार्यालय, इस्कॉन अंतर्राष्ट्रीय बाल संरक्षण कार्यालय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बाल सुरक्षा संसाधन, शिक्षा और सहायता के लिए यहाँ की टीम से संपर्क किया जा सकता है।
    बाल शोषण क्या है, बाल एवं वयस्क शिक्षा बच्चों को मिल रही है या नहीं३आदि के बारे में इस्कॉन प्राधिकारियों द्वारा अनुमोदित नई बाल संरक्षण नीतियों के बारे में इस्कॉन जीबीसी की साइट पर https://gbc.iskcon.org > new-child-p… से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर इस्कॉन द्वारका के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर इस्कॉन द्वारका के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।

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