
मानसी शर्मा /- नर्क… शायद ही यहां कोई जाना चाहता है। अब क्योंकि नर्क का परिचय सबको कहानियों और किस्सों के माध्यम से हुआ है, तो भला वैसी डरावनी जगह पर भला क्यों ही कोई जाना चाहेगा?लेकिन अगर नर्क देखने का मौका मिले तो शायद ही कोई ना कहेगा। स्वर्ग का चित्रण अच्छा जरुर है लेकिन नर्क एक्साइटेड है। लोग जरुर वहां घूमना चाहेंगे। अब हम या कोई भी किसी को नर्क तो नहीं ले जा सकता है लेकिन नर्क के दरवाजे तक जरुर ले जा सकते हैं। अगर आप नई और एक्साइटेड जगहों पर घूमने का मन बना रहे हैं तो इन दो जगहों पर जरुर जाइए। इन जगहों को नर्क का दरवाजा कहा जाता है।
नर्क का दरवाजा
दुनिया के संपन्न देशों में शुमार जापान अपने तकनीक के जाना जाता है। हालांकि, जापान में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र नर्क का दरावाजा भी है। जिसे नर्क की घाटी बोला जाता है। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। जापान की राजधानी टोक्यो से लगभग 500 किलो की दूरी पर स्थित नागानो एक राज्य है। नागानो में ही वेली ऑफ़ हेल अर्थात नर्क की घाटी है। सर्दियों के महीनों में इस जगह बर्फ ही बर्फ रहता है। इस दौरान यहां कोई इंसान नहीं रह पाता है, बस बंदर रहते हैं। सितंबर सा अप्रैल के महीनों में इस मंकी पार्क के चारों ओर भयानक बर्फ जम जाता है। इस भयावह स्थिति में उस जगह पर कोई नहीं रहता। सभी लोग उस जगह को छोड़ कर किसी दूसरे शहर में चले जाते हैं लेकिन सदियों से रह रहे वहां के मूल निवासी उस जगह को छोड़ कर नहीं जाते हैं। वो मूल निवासी बंदर हैं। इसीलिए इस जगह को मंकी पार्क बोला जाता है।
यमन में नर्क का द्वार
यमन के बरहूत में एक रहस्यमई कुआं है, जिसे नर्क का द्वार कहा जाता है। इस कुआं से जुड़ा एक कहानी है। कहा जाता है कि इस जगह को भगवान सबसे ज्यादा नापसंद करते हैं। यमन के रेगिस्तानी घाटी में बने इस कुएं की चौड़ाई 30 मीटर है, आजतक कोई इसकी गहराई नहीं नाप पाया है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक ये 100 से 250 मीटर के बीच गहरा हो सकता है। हालांकि, इस कुआं में आजतक कोई गया नहीं है। यहां तक की विज्ञाम में विश्वास रखने वाले वैज्ञानिक औक खोजकर्ता भी इस कुआं के अंदर नहीं पहुंच पाए हैं। जानकारी के अनुसार, जब भी ऐसा करने की कोशिश की गई है, तब कम ऑक्सीजन और कुएं से निकलने वाली अजीबोगरीब गंध की वजह से उन्हें वापस सतह पर लौटना पड़ा है।
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