आरजेसियंस ने विश्व में हास्य योग के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया का 69वां जन्मदिन मनाया

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 28, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

आरजेसियंस ने विश्व में हास्य योग के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया का 69वां जन्मदिन मनाया

- आरजेएस के 'सकारात्मक दशक' की शुरुआत की घोषणा

नई दिल्ली/- राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) ने अपने 304वें कार्यक्रम में हंसी योग इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया का 69वां जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया और साथ ही आरजेएस पीबीएच की ‘सकारात्मक दशक’ पहल की शुरुआत की घोषणा की। यह पहल वैश्विक सकारात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 15 जनवरी, 2025 को प्रवासी भारतीयों के सहयोग से आधिकारिक रूप से शुरू की जाएगी।

कार्यक्रम में आरजेएस पीबीएच के सह-आयोजक और पॉजिटिव लाफ्टर एंबेसडर सत्येंद्र त्यागी और सुमन त्यागी ने डॉ. मदन कटारिया का स्वागत किया और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने हंसी योग को बढ़ावा देने में आरजेएस पीबीएच के प्रयासों पर प्रकाश डाला और हंसी योग को स्कूलों और अस्पतालों में प्रचलित करने के अपने अनुभव साझा किए। सत्येंद्र त्यागी ने कहा, “हंसी एक सार्वभौमिक भाषा है जो लोगों को जोड़ने और शांति बढ़ाने में सक्षम है।” उन्होंने हंसी योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “हंसी से बीमारी को दूर भगाओ, हंसी योग करो।”

डॉ. मदन कटारिया का संबोधन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. मदन कटारिया ने अपने संबोधन में जन्मदिन पर मिलने वाली पहचान के लिए आभार व्यक्त किया और हंसी योग की उत्पत्ति के पीछे के वैज्ञानिक पहलुओं पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि हंसी योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है, क्योंकि यह हंसी को योगिक श्वास तकनीकों के साथ जोड़ता है, जो शरीर में अधिक ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाते हैं, जिससे व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और स्वस्थ महसूस करता है।

डॉ. कटारिया ने बताया कि हंसी के दौरान शरीर एंडोर्फिन छोड़ता है, जो न केवल मूड को बेहतर बनाता है बल्कि दर्द से राहत भी प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हंसी योग सिर्फ हंसी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सकारात्मक मानसिकता को विकसित करने का तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि हंसी योग का अभ्यास किसी भी उम्र या शारीरिक स्थिति के व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।

सकारात्मक दशक पहल की घोषणा
आरजेएस पीबीएच के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने वर्ष के अंत के इस कार्यक्रम में ‘सकारात्मक दशक’ पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह दीर्घकालिक परियोजना विश्वभर में सकारात्मक सोच, कार्यों और दृष्टिकोणों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। 15 जनवरी, 2025 को यह पहल एक प्रवासी भारतीय मीडिया सम्मेलन के साथ शुरू की जाएगी, जिसमें भारतीय मूल के लोग और अनिवासी भारतीय (एनआरआई) इस वैश्विक प्रयास में शामिल होंगे।

हंसी और सकारात्मकता का प्रभाव
कार्यक्रम में हंसी योग के प्रचारक कुलदीप राय ने हंसी की भूमिका पर जोर दिया, उन्होंने कहा, “हंसी संक्रामक होती है और इसमें व्यक्ति और समुदायों को बदलने की शक्ति है।” उन्होंने आगामी प्रवासी भारतीय सम्मेलन पर भी प्रकाश डाला, जहां आरजेएस पीबीएच ‘सकारात्मक दशक’ पहल को बढ़ावा देने के लिए एनआरआई के साथ सहयोग करेगा।

स्वीटी पॉल और इशाक खान जैसे प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम में अपनी बात रखी। स्वीटी पॉल ने सच्चाई, भक्ति और सकारात्मक सोच के महत्व पर विचार व्यक्त किए, वहीं इशाक खान ने हंसी के अभ्यास को प्रदर्शित किया और बताया कि कैसे हंसी से मूड और मानसिक स्थिति में बदलाव आता है।

समापन और उद्देश्य
यह कार्यक्रम डॉ. मदन कटारिया के जीवन और उनके कार्यों का उत्सव था, साथ ही आरजेएस पीबीएच की ‘सकारात्मक दशक’ पहल की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण अवसर था। हंसी योग और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के माध्यम से, इस पहल का उद्देश्य एक अधिक सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण दुनिया का निर्माण करना है। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि एक साधारण हंसी का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव हो सकता है, और हम सभी को अपनी दिनचर्या में हंसी और सकारात्मकता को शामिल करना चाहिए।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox