नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर “कैंसर के लक्ष्ण, कारण, और उपचार“ विषय पर आरजेएस पीबीएच द्वारा राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। श्री उदय मन्ना, संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक, राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस ने वेबिनार की शुरुआत गीता के श्लोक यदा यदा हि धर्मस्य…से की। उन्होंने कवि प्रदीप को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
वेबिनार के सह-आयोजक पटना से जुड़ी डॉ. मुन्नी कुमारी सिंह, अधिवक्ता व शिक्षिका ने मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. नरेश चावला, उपाध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल काउंसिल, डॉ. सुशील मंधानिया, सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट, नागपुर, एमडी डीएम एम्स का मुख्य वक्ता के रूप में और ओपनिंग रिमार्क्स के लिए स्वास्थ्य जागरूकता में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.प्रमिति रस्तोगी का स्वागत किया।
संवाद की शुरुआत करते हुए श्री उदय मन्ना ने कहा कि आरजेएस पीबीएच समाज में नकारात्मकता के कैंसर को दूर करने का भी प्रयास पिछले नौ साल से करता आ रहा है। डॉ. मंधानिया ने देश और दुनिया में कैंसर की व्यापकता के बारे में विस्तार से बताया और ग्राफिक रूप से प्रदर्शित आंकड़ों के साथ अपनी बात को स्पष्ट किया।
उन्होंने विभिन्न मिथकों को तोड़ने की कोशिश की, जो गंभीर रूप ले चुके कैंसर से निपटने में बाधा डालते हैं और भविष्य में युवा आबादी की उम्र बढ़ने को ध्यान में रखते हुए स्थिति जटिल हो सकती है।
हमारे देश में कैंसर की रजिस्ट्री 20 फीसदी जिलों में है, इसलिए बड़ी संख्या में अपंजीकृत और अज्ञात मामले हैं। देश में इस वक्त कैंसर के मरीजों की संख्या 30 से 35 लाख है और लगातार मामले सामने आ रहे हैं, जबकि करीब 4 लाख मौतें हो चुकी हैं। डेटा, रोग वास्तविक को प्रतिबिंबित नहीं कर सकता है।
हमारे देश की जनसंख्या का तीन गुना हो सकती है। भविष्य में हमारी आबादी में कैंसर का आईसीएमआर अनुमान दस में से एक मामला है, जो कि कैंसर के मामलों की भारी संख्या हो सकती है। कैंसर की घटनाओं में खाद्य पदार्थों में मिलावट और अत्यधिक कीटनाशकों के उपयोग की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई। डॉ. नरेश चावला ने कैंसर के प्रति जागरूकता की आवश्यकता और दुनिया में कैंसर के मामलों में इस महामारी जैसी वृद्धि से निपटने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, डॉक्टरों, अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
ओपनिंग रिमार्क्स में डॉ. प्रमिति रस्तोगी ने बताया कि हृदयाघात के बाद मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण कैंसर है। कैंसर कोशिकाओं में असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि है और कई कारणों से कोशिकाओं में जीन में उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप होता है; जैसे, यूवी किरणों, एक्स-रे, तंबाकू चबाने, धूम्रपान आदि के संपर्क में आना। उचित आहार, व्यायाम, तंबाकू चबाने से परहेज, धूम्रपान आदि से कैंसर को रोका जा सकता है। कैंसर का शीघ्र पता लगाना आवश्यक है। सर्वाइकल कैंसर के लिए टीके उपलब्ध हैं।
पटना से डॉ. मुन्नी कुमारी, द्वाराका दिल्ली से सुश्री शिखा, दूरदर्शन से मोहम्मद इशाक खान के प्रश्नों का उत्तर डॉ. डी.आर. राय, डॉ. प्रमिति और डॉ. मंधानिया ने दिया। उदय मन्ना ने बताया कि 13.02.2024 को मारवाह स्टूडियो, नोएडा, यूपी में पत्रकारिता के वैश्विक महोत्सव में आरजेएस पीबीएच की भागीदारी, आगामी नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (डब्ल्यूबीएफ), नई दिल्ली के लिए स्वैच्छिक समर्थन और 24.02.2024 से 10 दिवसीय गुजरात यात्रा के बारे में जानकारी दी। वेबिनार का समापन डॉ. मुन्नी कुमारी सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। विश्व कैंसर दिवस पर विशेषज्ञों ने बताया कि
कैंसर का कारण पारिवारिक इतिहास भी हो सकता है। यह वायरस के कारण भी होता है। कैंसर स्तन, फेफड़े, मुंह, रक्त, मस्तिष्क आदि को प्रभावित कर सकता है। लक्षणों में गांठ बनना, दर्द, थकान, वजन कम होना आदि शामिल हैं। उन्होंने पीड़ित लोगों तक पहुंचने के लिए देखभाल की कमी को पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
-देशभक्त कवि प्रदीप की जयंती के उपलक्ष्य में आरजेएशिएन्स ने श्रद्धांजलि दी
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