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    आप सादगी से जीएं ताकि अन्य इंसान भी सादगी से जीवनयापन करे-सोनम वांगचुक

    श्री वांगचुक ने द श्रीराम मिलेनियम स्कूल के विद्यार्थियों से बात की

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/ सिद्धार्थ राव/ गुरुग्राम/- मशहूर इनोवेटिव इंजीनियर और शिक्षा सुधारक श्री सोनम वांगचुक की मेजबानी और अपने विद्यार्थियों को उनसे बात करने का अवसर देना द श्रीराम मिलेनियल स्कूल, गुरुग्राम के लिए बहुत गर्व की बात है। स्कूल ने पूरे देश के शिक्षाविदों के ‘एसटीईएम कन्क्लाव’ की मेजबानी की और यह आयोजन श्री एडुकेयर लि. ने किया। दैनिक जीवन से सीखने का जुनून और प्राप्त ज्ञान के स्थायी उपयोग के लिए समर्पित श्री वांगचुक के जीवन का मंत्र है: ‘‘आप सादगी से जीएं ताकि अन्य इंसान भी सादगी से जीवनयापन करे।’’ वे सीखने की इस भावना का प्रसार करना चाहते हैं और उन्होंने लद्दाख में विद्यार्थयों का शिक्षा एवं संस्कृति आंदोलन (एसईसीएमओएल) की स्थापना की जिसका मकसद शिक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया को व्यावहारिक और मजेदार बनाना है!श्री वांगचुक का मानना है कि रटने की आदत से खुद कुछ करने और जानने की उत्सुकता समाप्त हो जाती है। उन्होंने बताया, ‘‘यदि असफल वह हासिल कर सकते जिसके सपने टाॅपर देखते हैं तो असफल लोगों को देखने का अलग नजरिया होना चाहिए और हमें अपनी सोच भी बदलनी होगी।’’ उन्होंने अपने विद्यार्थियों की मदद से लद्दाख में एक स्कूल की स्थापना की। स्कूल का संचालन भी विद्यार्थी करते हैं। इसमें संसदीय प्रणाली में विमर्श के सत्र होेते हैं जिनमें भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाता है। स्कूल का पूरा बिल्डिंग स्थायित्व के सिद्धांतों पर बना है।

    श्री वांगचुक ने द श्रीराम मिलेनियम स्कूल के विद्यार्थियों से बात की और उन्हें सीखने की उत्सुकता बनाए रखने को कहा। विद्यार्थियों से कहा कि वे सोच के स्तर पर व्यावहारिक बने और स्थायी विचारों का विकास करें जो उनके परिवेश की मांग और जरूरत के हिसाब से उपयोगी हो । श्री वांगचुक ने बताया कि शिक्षा के 3 आर की तरह 3 एच भी बहुत महत्वपूर्ण हैं – हेड, हैंड और हार्ट। विद्यार्थियों में उनके लिए अद्भुत सम्मान देखा गया। श्री वांगचुक सभी के लिए प्रेरणा एवं उत्साह के स्रोत हैं।

    (इनोवेटिव इंजीनियर और शिक्षा सुधारक)
    श्री सोनम वांगचुक

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