नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही महीने रह गए हैं और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पहले ही दिल्ली में पदयात्रा पर निकल चुके हैं, और उनके साथ पार्टी के नेता भी लगातार जनसभाएं कर रहे हैं। इसी बीच, कांग्रेस पार्टी ने भी चुनावी मैदान में कदम रखते हुए अपनी ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ शुरू करने का ऐलान किया है।
कांग्रेस की यह यात्रा 8 नवंबर से शुरू होगी और दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर जाएगी। यात्रा का आगाज राजधानी के राजघाट से होगा और इसके बाद यह पूरी दिल्ली में चार चरणों में फैलेगी। कांग्रेस सांसद और पार्टी के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस यात्रा की शुरुआत करेंगे, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी, जिसे काफी प्रचारित किया गया था।
एक महीने चलेगी न्याय यात्रा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह यात्रा कांग्रेस के संघर्ष और न्याय के संदेश को दिल्ली के कोने-कोने तक पहुंचाएगी। यह यात्रा 8 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक चलेगी और दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के सभी 250 वार्डों, कैंट एरिया के 8 वार्डों और एनडीएमसी क्षेत्र को कवर करेगी। यात्रा की शुरुआत चाँदनी चौक विधानसभा से होगी और अंत तिमारपुर विधानसभा में होगा।
देवेन्द्र यादव ने इस यात्रा को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर चलने का दावा किया और कहा कि यह यात्रा दिल्लीवासियों के बीच पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करेगी। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे इस यात्रा में शामिल होकर पिछले 11 वर्षों से हो रहे अन्याय के खिलाफ अपना समर्थन दें।
कांग्रेस की पूरी टीम होगी साथ
कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए विस्तृत योजना बनाई है, और इसकी तैयारी पिछले कई महीनों से चल रही थी। यात्रा में जिला अध्यक्षों, पूर्व विधायकों, पूर्व निगम पार्षदों, ब्लॉक अध्यक्षों, निगम पार्षदों, अग्रिम संगठनों जैसे युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवा दल और एनएसयूआई के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। इन सभी नेताओं को यात्रा के दौरान विधि व्यवस्था और प्रचार का जिम्मा सौंपा जाएगा।
कांग्रेस का लक्ष्य है कि वह इस यात्रा के माध्यम से दिल्ली के हर घर तक पहुंचे और दिल्ली की जनता को अपने पक्ष में लाए। पार्टी की पूरी कोशिश होगी कि वे विरोधी दलों को इस यात्रा के दौरान खुला मुकाबला दें और दिल्ली में कांग्रेस के प्रभाव को फिर से स्थापित करें।
क्या ‘न्याय यात्रा’ से सत्ता में वापसी संभव होगी?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा था, जब आम आदमी पार्टी (AAP) ने एकतरफा जीत हासिल की थी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही थी। अब कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति को फिर से दुरुस्त करने के लिए ‘न्याय यात्रा’ का सहारा लिया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के लिए यह यात्रा कितनी प्रभावी साबित होती है, खासकर तब जब आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही दिल्ली में मजबूत स्थिति में हैं। लेकिन कांग्रेस का मानना है कि इस यात्रा से दिल्ली की जनता को उनके अधिकारों और पिछले वर्षों के मुद्दों पर जागरूक किया जा सकता है, जिससे पार्टी को चुनाव में लाभ मिल सकता है।
निष्कर्ष
कांग्रेस की ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ 2024 के विधानसभा चुनावों में एक अहम कड़ी साबित हो सकती है। इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस का उद्देश्य दिल्ली के लोगों तक अपनी बातें और योजनाएं पहुंचाना है। अगर यात्रा सही तरीके से प्रभावी होती है, तो यह पार्टी के लिए चुनावी मैदान में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस अपने इस अभियान के माध्यम से दिल्ली में कितनी सफलता हासिल कर पाती है, और क्या यह पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाने में सक्षम हो पाती है।
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