द्वारका/- आज पूरा देश आजादी का 75वाँ अमृत महोत्सव मना रहा है। 15 अगस्त को हर घर में तिरंगा लहराएगा, उसी शान से जैसे वीरों ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए इसे भारत के मस्तक पर बरसों पहले लहराया था। यूँ तो गौरव के इस दिन को हमें हर दिन नमन करना चाहिए लेकिन साल में एक दिन ही सही, बड़ी शिद्दत और अभिमान के साथ दिल की गहराइयों से हमें देश के उन सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए जिनकी हर एक साँस के हम आज भी ऋणी हैं। हमें भगवान के प्रति भी ऋणी होना चाहिए कि उन्होंने हमें भारत जैसे देश में जन्म का अधिकारी बनाया। इस्कॉन द्वारका आजादी के आनंद का एक ऐसा ही अवसर लेकर आए हैं, जहाँ श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश भगवान भी तिरंगे के रंगों में नज़र आएँगे।
आजादी के इस उत्सव में केसरिया, सफेद और हरे रंग की पोशाक में भगवान विश्व शांति का संदेश देंगे। उनकी प्रेरणा से आपकी प्रार्थनाएँ विश्व के कोने-कोने में अमन-चैन का बिगुल बजाने में कामयाब होंगी। हर चेहरे पर राहत होगी और उम्मीद की रोशनी जगमगाएगी। आप सभी अपने परिवार के साथ मंदिर में आएँ और विश्व शांति के लिए प्रार्थना कर अपना कर्तव्य निभाएँ।
आजादी के इस पर्व में सबकी भागीदारी उनके देशप्रेम का प्रदर्शन करती है। प्रेम, कर्तव्य और उत्तरदायित्व जितना घर और समाज के लिए जरूरी है उतना ही देश और धरा के लिए भी है। आज यूँ भी हम दुनिया से किसी से किसी रूप में जुड़े हैं, कहीं शिक्षा, तो कभी पहनावा और कभी खानपान। आप देख रहे हैं कि पूरे विश्व में कुछ न कुछ चल ही रहा है। कहीं युद्ध की स्थिति है तो कहीं तानाशाही अराजकता। ऐसे में हमें अपने उन साथियों के लिए भी प्रार्थना करनी चाहिए कि जो इन कष्टदायक स्थितियों का सामना कर रहे हैं।
बीते वर्षों में हमारे देश ने कोविड जैसी महामारी का अनुभव किया। इसके चलते हमने जिन चुनौतियों का सामना किया उससे हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा। कुछ ने अपनों को खोया, किसी को भविष्य का भय सताया और किसी के लिए आर्थिक संकट से उबरना मुश्किल हो गया।
इस्कॉन द्वारका के प्रबंधक अर्चित प्रभु कहते हैं कि, “बड़ी खुशी की बात है कि आज प्रकृति ने हमारा साथ दिया और हमें इतनी राहत प्रदान की है कि हम अपने देश की आजादी का जश्न खूब धूमधाम से मना सकें। इसी खुशी को चलो आएँ भगवान के साथ मनाएँ और सबके लिए आरती कर प्रार्थना करें कि हर जगह अमन-चैन कायम रहे, उनकी कृपा पूरी पृथ्वी पर सबके लिए हो।”
इस बार आजादी के पर्व को मनाने के लिए मंदिर की सजावट तीन रंगों में होगी। युवाओं के आकर्षण के लिए ‘सेल्फी प्वाइंट’ भी इसी थीम से प्रेरित होगा। इस अवसर पर भगवान का प्रसादम तिरंगे को रंगों में सजकर वितरित होगा। बच्चों के लिए बेकरी व्यंजनों में पेस्ट्री और केक तिरंगे के रंगों में होगा। इसके अलावा, सैंडविच, कुकीज, बरफी और चाऊमिन भी ट्राई कलर में पेश किए जाएँगे। मंदिर के प्रांगण में स्थित गोविंदा के पकवानों में देशभक्ति की खुशबू और रंगीला रंग देखने को मिलेगा।
हमें चाहिए कि हम भी देशभक्ति के इस उत्सव में भाग लें और विश्व शांति के लिए अपना कर्तव्य निभाएँ। मंदिर में आकर संपूर्ण पृथ्वी के अमन-चैन के लिए प्रार्थना करें।
-प्रेम, कर्तव्य और उत्तरदायित्व देश और धरा के लिए भी जरूरी
-देशभक्ति के उत्सव में पकवानों का रंग भी रंगीला होगा
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