आखिर क्या है कांग्रेस की मंशा? नेशनल कॉन्फ्रेंस को अभी तक नहीं सौंपा गया समर्थन पत्र, उमर अब्दुल्ला के लिए सस्पेंस बरकरार

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
December 3, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

आखिर क्या है कांग्रेस की मंशा? नेशनल कॉन्फ्रेंस को अभी तक नहीं सौंपा गया समर्थन पत्र, उमर अब्दुल्ला के लिए सस्पेंस बरकरार

मानसी शर्मा /-   जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाने की कवायद तेजी से आगे बढ़ रही है। हाल ही में हुई नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की विधायक दल की बैठक में उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है। अब्दुल्ला को शुक्रवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करना है, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ अनिश्चितताएं भी बनी हुई हैं।

समर्थन को लेकर सस्पेंस बरकरार

कांग्रेस ने अभी तक नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन का पत्र नहीं सौंपा है, जिससे सस्पेंस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को पत्र भेजने के लिए एक दिन की डेडलाइन दी थी, जो अब समाप्त हो चुकी है।

निर्दलियों का समर्थन और बहुमत का आंकड़ा

इस बीच, चार निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन करने का ऐलान किया है। इसके बाद, पार्टी के पास 46विधायकों का समर्थन हो गया है, जिससे वह बिना कांग्रेस के भी बहुमत हासिल कर सकती है।

विधायक दल का नेतृत्व

गुरुवार को आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस की विधायक दल की बैठक में उमर अब्दुल्ला को नेता चुना गया। इस बैठक में कांग्रेस की कोई भागीदारी नहीं थी, और न ही पार्टी ने समर्थन पत्र प्रदान किया है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 90विधायक हैं, और सरकार बनाने के लिए 46विधायकों की आवश्यकता होती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस ने छह सीटें हासिल की हैं। इन दोनों का गठबंधन मिलाकर कुल 48सीटें बनती हैं, जो बहुमत से अधिक हैं।

केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख

हालांकि, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस का रुख अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के साथ टकराव की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि 370धारा की बहाली की उम्मीद करना बेवकूफी होगी, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगी। इस संदर्भ में फारुक अब्दुल्ला ने भी अपनी बात दोहराई है।

इस राजनीतिक घटनाक्रम पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox