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  • अशोक गहलोत के खिलाफ़ सचिन पायलट ने फिर खोला मोर्चा, कहा-गद्दारी आपने की

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    June 8, 2025

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    अशोक गहलोत के खिलाफ़ सचिन पायलट ने फिर खोला मोर्चा, कहा-गद्दारी आपने की

    -जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रे़ंस कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खि़लाफ जमकर निशाना साधा

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वसुंधरा राजे सिंधिया को लेकर दिये गये बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर संग्राम छिड़ गया है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रे़ंस कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि गद्दारी आपने की और आरोप दूसरों पर लगा रहे हो।  

                       उन्होंने अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आपने जो भाषण परसों धौलपुर में दिया उसे सुनकर यह बात साफ़ हो गई है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे है। सचिन पायलट ने कहा, “एक तरफ़ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा कर रहीं थीं। ये जो विरोधाभास है इसे समझाना चाहिए।“
                       उन्होंने कहा, “मुझे गद्दार, निकम्मा आदि कहा गया। जो आरोप परसों लगाए गए, ये आरोप मैं ढाई साल से सुन रहा था। हम अपनी सरकार को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। लेकिन जिस प्रकार का भाषण दिया गया, पहली बार देखा कि अपनी ही सरकार को, अपने विधायकों को, अपने नेताओं को बदनाम करने का काम हो रहा है और भाजपा के नेताओं का गुणगान हो रहा है।“
                       गहलोत के भाषण पर सवाल उठाते हुए सचिन पायलट ने कहा, “ऐसे लोग जो सामाजिक जीवन में रहे, जिनकी एक साख है, उन पर आरोप लगा देना कि आप चंद रुपयों में बिक गए। मैं इसे ग़लत मानता हूं. तीन साल से आपने क्यों कोई कार्रवाई नहीं की।“
                       उन्होंने सीएम पर पार्टी का अनुशासन तोड़ने का आरोप लगाया। सचिन ने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था ताकि वो विधायकों की बैठक ले पाएं और राज्य के नेतृत्व को लेकर फैसला कर पाएं, लेकिन वो बैठक तक नहीं होनी दी गई। पायलट ने कहा, “उस समय सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थीं। उनकी जो अवहेलना हुई, उनकी जो मानहानि हुई, उनकी जो बेइज्जती हुई वो गद्दारी थी। पता नहीं कितने विधायकों को इस्तीफा दिलवाया गया। अपनी सरकार को संकट में खड़ा किया गया।“
                       उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग आरोप लगाते हैं कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर विधायकों के इस्तीफे दिलवा दिए गए। इन बातों को मंच से बोलना शोभा नहीं देता है।

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