द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली अपराध शाखा की एंटी गैंग्स स्क्वॉड (एजीएस) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दिल्ली के नजफगढ़ स्थित दिचाउं कलां गांव निवासी कुख्यात अपराधी और हिस्ट्रीशीटर गजेंद्र उर्फ टीनू (उम्र 32 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक अत्याधुनिक पिस्तौल, एक सिंगल शॉट पिस्तौल और अलग-अलग बोर के 06 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
कुख्यात अपराधी का आपराधिक इतिहास
इस संबंध में द्वारका डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि गजेंद्र उर्फ टीनू थाना बाबा हरिदास नगर का हिस्ट्रीशीटर है और डकैती, कार-जैकिंग, अपहरण जैसे 38 गंभीर मामलों में शामिल रहा है। वर्ष 2020 में वह मुंडका थाना क्षेत्र में एक फॉर्च्यूनर कार में प्रॉपर्टी डीलर के अपहरण और फिरौती के मामले में जेल गया था। जेल से बाहर आने के बाद वह हथियार तस्करी में सक्रिय हो गया और विभिन्न गिरोहों को अवैध हथियार सप्लाई करने लगा।
खुफिया सूचना और गिरफ्तारी की कार्यवाही
एजीएस की टीम काफी समय से अवैध हथियारों की तस्करी से जुड़े गिरोहों पर नजर बनाए हुए थी। सहायक आयुक्त भगवती प्रसाद के पर्यवेक्षण में निरीक्षक गुलशन यादव और उनकी टीम में उप निरीक्षक चेतन, रंधावा, राजेश, एएसआई महेश त्यागी, प्रधान सिपाही प्रशांत, बद्री प्रसाद, परमजीत और अरविंद शामिल थे। इन सभी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विभिन्न इलाकों में तैनात होकर लगातार खुफिया जानकारी जुटाई।
4 जुलाई 2025 को टीम को विशेष सूचना मिली कि गजेंद्र नजफगढ़ के साई बाबा मंदिर के पास अवैध हथियारों के साथ मौजूद है। त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने वहां जाल बिछाया और थोड़े समय की पीछा-पकड़ के बाद आरोपी को धर दबोचा।
बरामदगी और मुकदमा दर्ज
गिरफ्तारी के दौरान गजेंद्र के पास से एक अत्याधुनिक पिस्तौल (मैगजीन सहित) और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इसके अतिरिक्त, उसके बैग से एक सिंगल-शॉट पिस्तौल और एक अतिरिक्त जिंदा कारतूस भी मिला। उसके खिलाफ एफआईआर संख्या 168/2025, दिनांक 05.07.2025 के अंतर्गत शस्त्र अधिनियम की धारा 25/54/59 के तहत थाना अपराध शाखा, नई दिल्ली में मामला दर्ज किया गया है।
अपराध की ओर झुकाव का प्रारंभ
गजेंद्र का जन्म दिल्ली के गांव डिचाओ कलां में हुआ था। पिता की मृत्यु के बाद वह अपनी माँ के साथ रोशनपुरा में रहने लगा। किशोरावस्था में ही वह नशे की लत और गलत संगत का शिकार हो गया। बाद में उसने चेन स्नैचर संजय बिहारी और पंकज जैसे बदमाशों से हाथ मिला लिया और अपराध की दुनिया में गहराई से उतर गया।
निष्कर्ष
अवैध हथियारों की तस्करी और गिरोहों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अपराध शाखा की यह कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे राजधानी में असामाजिक तत्वों के हौसले पस्त होंगे और आने वाले दिनों में इसी तरह की और कार्रवाइयों की उम्मीद जताई जा रही है।


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