नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के रिटायर्ड कर्मियों, गैर-पेंशनभोगियों, ऑपरेशन के दौरान घायल जवानों और शहीदों के आश्रित परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष की स्थापना की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। लंबे समय से यह महसूस किया जा रहा है कि देश की आंतरिक सुरक्षा की रीढ़ माने जाने वाले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए, सेना की तर्ज पर एक समर्पित राष्ट्रीय कल्याण कोष की नितांत आवश्यकता है, जिससे शहीदों के परिवारों, सेवानिवृत्त जवानों और गैर-पेंशनभोगियों को सम्मानजनक सहायता मिल सके।
देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं अर्धसैनिक बल
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान संसद भवन, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, मेट्रो नेटवर्क, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा से लेकर सीमाओं की चौकसी और राज्यों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक अहम जिम्मेदारी निभाते हैं। नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों में बिना आराम और संसाधनों की परवाह किए ये जवान लगातार मोर्चे पर डटे रहते हैं। कई बार आईईडी विस्फोटों में गंभीर रूप से घायल होते हैं या शहादत देते हैं। इसके बावजूद इनके रिटायर्ड कर्मियों और शहीदों के आश्रितों के लिए एक मजबूत, राष्ट्रीय स्तर का कल्याणकारी फंड अब तक मौजूद नहीं है।
सेना झंडा दिवस कोष का उदाहरण, अर्धसैनिक बलों को इंतजार
हाल ही में सेना दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री द्वारा सेना झंडा दिवस कोष से रिटायर्ड सैनिकों, गैर-पेंशनभोगियों और शहीदों की बेटियों की शादियों के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की सहायता दी गई। यह कदम सराहनीय रहा, लेकिन अर्धसैनिक बलों के लिए इस तरह का CAPF Flag Day Fund न होने से जवानों और उनके परिवारों में असंतोष भी देखा जा रहा है। मौजूदा केंद्रीय कल्याण कोष सीमित संसाधनों के कारण इतनी व्यापक आर्थिक मदद देने में सक्षम नहीं हैं।
बजट पर बोझ नहीं, जनसहयोग से बनेगा कोष
प्रस्तावित अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष की खास बात यह होगी कि इसके लिए किसी अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की जरूरत नहीं पड़ेगी। आम नागरिक, सामाजिक संगठन और उद्योग जगत स्वेच्छा से इसमें योगदान दे सकते हैं। इस कोष से शहीदों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह, रिटायर्ड कर्मियों और गैर-पेंशनभोगियों की आर्थिक सहायता जैसे कार्यों को मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री से नए साल पर बड़ी घोषणा की उम्मीद
देशभर में करीब 20 लाख अर्धसैनिक परिवार इस उम्मीद में हैं कि सेना झंडा दिवस कोष की तर्ज पर अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष की घोषणा जल्द की जाएगी। अर्धसैनिक बलों के साथ सीमाओं पर दिवाली मनाने की परंपरा निभा चुके प्रधानमंत्री से अपेक्षा जताई जा रही है कि नए साल में इस कोष की स्थापना कर वे इन परिवारों को बड़ी सौगात देंगे। यदि यह पहल होती है, तो इसे अर्धसैनिक बलों के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाएगा।


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