छत्तीसगढ़/उमा सक्सेना/- भारतीय चुनावी प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने आज एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने आगामी सभी चुनावों के अखिल भारतीय बहिष्कार का आह्वान किया है, जब तक कि देश की चुनावी व्यवस्था में “मौलिक और निष्पक्ष सुधार” लागू नहीं किए जाते।
जोगी का यह आह्वान सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को भेजे गए एक विस्तृत पत्र के माध्यम से किया गया, जिसे उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की “विश्वसनीयता बचाने का एकमात्र रास्ता” बताया।
“वर्तमान चुनाव प्रणाली पक्षपातपूर्ण — भागीदारी का मतलब है इसे वैधता देना” : जोगी
अमित जोगी ने कहा कि आज की चुनावी व्यवस्था “ऊपर से नीचे तक पक्षपातपूर्ण” हो चुकी है। उनका आरोप है कि दलों द्वारा लगातार चुनावी गड़बड़ियों की शिकायत करने के बावजूद वे उसी त्रुटिपूर्ण प्रणाली में हिस्सा लेते हैं, जिससे वह और अधिक वैध बन जाती है।
उन्होंने कहा—
“यह पाखंड है कि हम परिणामों पर सवाल उठाते हैं, पर प्रक्रिया में शामिल होकर उसी को मजबूती भी देते हैं। समय आ गया है कि सभी दल एक संयुक्त और सिद्धांतिक रुख अपनाएं।”
एसआईआर प्रक्रिया को बताया ‘पक्षपातपूर्ण और नियंत्रित’
छत्तीसगढ़ में चल रही विशेष गहन निर्वाचन नामावली (SIR) प्रक्रिया पर भी अमित जोगी ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि:
भाजपा द्वारा नामित बीएलओ अधिकारियों को “नाम हटाने” के निर्देश दे रहे हैं।
‘शुद्धिकरण’ के नाम पर मतदाताओं को व्यवस्थित रूप से हटाया जा रहा है।
इस प्रक्रिया को ऐसे समय में आयोजित किया गया है जब कृषि और विवाह सीजन के कारण जनता की भागीदारी स्वाभाविक रूप से कम रहती है।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे तुरंत अपनी बीएलओ सूची वापस लें और एसआईआर प्रक्रिया से बाहर आएं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की चार प्रमुख चुनावी सुधार मांगें
अमित जोगी ने स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया में सुधार के बिना किसी भी चुनाव में भाग लेना लोकतंत्र के साथ अन्याय होगा। पार्टी ने चार बड़े सुधारों को अनिवार्य बताया है:
1. वोटिंग का विकल्प:
मतदाता को यह अधिकार दिया जाए कि वह ईवीएम या पेपर बैलट, किसी भी माध्यम से वोट देना चाहे।
2. स्वतंत्र चयन प्रक्रिया:
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति में
भारत के मुख्य न्यायाधीश और
मुख्य सतर्कता आयुक्त
को शामिल किया जाए।
3. सांविधिक आचार संहिता:
एमसीसी को कानूनी अधिकार मिले ताकि चुनाव से एक साल पहले किसी भी सरकार द्वारा लोकलुभावन घोषणाएं रोकी जा सकें।
4. इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रतिबंध:
राजनीतिक दलों को अनाम दान की अनुमति तुरंत समाप्त की जाए।
“अब किसी प्रतीक्षा का समय नहीं, सामूहिक बहिष्कार ही निर्णायक संदेश”
अमित जोगी ने कहा कि यदि राजनीतिक दल वास्तव में चुनावी धांधली को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें शब्दों से आगे बढ़कर कार्रवाई करनी होगी।
उन्होंने कहा—
“जब तक व्यवस्था स्वच्छ नहीं होती, चुनावों का सामूहिक बहिष्कार ही वह संदेश है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।”
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बारे में
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है जो सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और आम जनता के सशक्तिकरण के सिद्धांतों के प्रति समर्पित है। पार्टी लंबे समय से चुनावी सुधार और सुशासन की वकालत करती रही है।


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