
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गाजियाबाद/भावना शर्मा/- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल वैशाली न सिर्फ बेहतर व एडवांस इलाज के लिए जाना जाता है, बल्कि अस्पताल अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाता है। इसी कड़ी में एनर्जी कंजर्वेशन, ग्रीन इनिशिएटिव के मकसद से अस्पताल ने अपनी छत पर 392.4 किलोवॉट का सोलर पावर प्लांट लगाया है। ये पावर प्लांट सनसोर्स एनर्जी की तरफ से लगाया गया है, जो इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कस्टमर्स के लिए सोलर एनर्जी प्रोवाइड कराने वाली एक बड़ी कंपनी है। यह प्लांट अस्पताल के दो अलग-अलग टॉवरों की छत में लगाया गया है, जो अगले 25 सालों तक अस्पताल को क्लीन एनर्जी सप्लाई करेगा। यह प्लांट अस्पताल की समग्र बिजली जरूरतों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करेगा, जिससे अस्पताल के अलग-अलग कामों में बिजली के उपयोग के कारण इस्तेमाल होने वाले जीवाश्म ईंधन का कम खर्च होगा।
मैक्स अस्पताल वैशाली में ये सोलर पावर प्लांट ओपेक्स मॉडल के तहत विकसित किया गया है। इसके शुरू होने से अस्पताल का बिजली पर जो खर्च हो रहा था, उसमें करीब 40 फीसदी की बचत होगी। यह सोलर पावर प्लांट अस्पताल को 11 गीगा वाट क्लीन पावर सप्लाई करेगा, जिसके चलते करीब 9 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी।
इस पहल के बारे में मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल वैशाली के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड-ऑपरेशंस डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया, ‘’अस्पताल में लगातार बिजली सप्लाई की बेहद आवश्यकता होती है। हम लोग एनर्जी को बचाने के प्रति समर्पित हैं, साथ ही रिन्यूबल एनर्जी बनाने के लिए भी हमारा कमिटमेंट है। अस्पताल में सोलर पावर प्लांट लगाने से न सिर्फ हमारी बिजली की आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि कार्बन गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी।’’
वहीं, इस बारे में सनसोर्स एनर्जी के को-फाउंडर, मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ कुशाग्र नंदन ने कहा, ‘’मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के साथ इस दिशा में एक पार्टनर के तौर पर काम करना हमारे लिए गौरवान्वित करने वाला है, क्योंकि अस्पताल विषैली गैसों को रोकने और सस्टेनेबल एनर्जी डवलप करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। भारत के लीडिंग सोलर पावर डवलपर होने के नाते हम इस दिशा में काफी काम कर रहे हैं और हेल्थकेयर व फार्मा कंपनीज को एक दशक से भी ज्यादा वक्त से ऑन-साइट व ऑफ-साइट सोलर एनर्जी की सर्विस दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में आता है और यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के तौर पर भी उभर रहा है। पिछले कुछ वक्त में इसकी बिजली डिमांड भी बढ़ी है और पूरे देश की जितनी डिमांड है उसके करीब 10 फीसदी की आवश्यकता अकेले यूपी को है। पिछले एक दशक में यूपी में बिजली की डिमांड डबल हो गई है, जो आने वाले वर्षों में और भी बढ़ने की संभावना है। अस्पताल यूपी के लीडिंग अस्पतालों में आता है। लिहाजा, सोलर एनर्जी की दिशा में अस्पताल ने जो कदम उठाया है, वो निश्चित ही अस्पताल के साथ-साथ पर्यावरण और उत्तर प्रदेश के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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