नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/- दिल्ली के पर्यावरण को सुधारने के लिए दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस संबंध में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सीएनजी बसों की जगह अब डीटीसी के बेड़े में सिर्फ ई-बसें ही शामिल होंगी। सीएनजी बसों का सरकार कोई भी नया टेंडर जारी नहीं करेगी। इसी कड़ी में आने वाले महीनों में चरणबद्ध तरीके से 2500 ई-बसें शामिल की जाएंगी। दूसरी तरफ ई-ऑटो, कार व टू व्हीलर की संख्या बढ़ाने पर भी सरकार जोर दे रही है। इसके लिए चार्जिंग स्टेशन, बिजली और बैटरी सहित दूसरी बुनियादी सुविधाओं का भी विकास किया जा रहा है।
श्री गहलोत ने बताया कि दिल्ली में प्रदुषण की समस्या से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इसे अपना सकें। अगले कुछ महीनों में करीब 3000 बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। सरकार आगे से सिर्फ ई-बसें अपने बेड़े में शामिल करेगी। इसका अपवाद सीएनजी की 450 वह बसें होंगी, जिन्हें खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चरणबद्ध तरीके से इस पर काम भी हो रहा है। बेड़े में 300 इलेक्ट्रिक बसें नए साल तक शामिल कर ली जाएंगी। 1000 अतिरिक्त बसों की खरीद के लिए भी स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि क्लस्टर की 330 बसें भी खरीदी जाएंगी। करीब 350 बसों की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। धीरे-धीरे सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी। नई बसें आने से सार्वजनिक परिवहन का बेड़ा मजबूत होगा। लास्ट माइल कनेक्टिवी भी बेहतर होगी। इससे लोग निजी वाहन से सार्वजनिक वाहनों की तरफ शिफ्ट होंगे। इस सबका कुल नतीजा दिल्ली की आबोहवा की बेहतरी में होगा।
उन्होने आगे कहा कि बस समेत ई-वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार कर रही है। इसके लिए डीटीसी के डिपो में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। अभी तीन डिपो में लगा है और एक पर काम चल रहा है। जबकि इसके लिए छह डिपो की पहचान की गई है। यहां पर चार्जिंग स्टेशन लगाया जाएगा। यहां बसों की चार्जिंग हो सकेगी। दूसरी तरफ निजी वाहनों के लिए दो चरणों में 100-100 चार्जिंग प्वाइंट लगाए जाएंगे। वाहनों पर सब्सिडी देने सहित पुराने वाहनों के बदले निर्माता कंपनी की तरफ से स्क्रैप इंसेटिव के मद में 7500 रुपये बतौर वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों के ब्लड ग्रुप और अंगदान का ब्यौरा भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं ताकि जरूरत के वक्त पर इस ब्यौरे का इस्तेमाल कर किसी की जान बचाई जा सके। ड्राइविंग करने वाले दक्ष हो, इसलिए लाइसेंस बनाने के लिए सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना होता है। अभी भी लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले करीब 33 फीसदी आवेदक असफल हो रहे हैं। ड्राइविंग में दक्ष होने के बाद दोबारा टेस्ट में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। छह नए टेस्टिंग ट्रैक भी बनाए जा रहे हैं।
परिवहन मंत्री ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को इंतजार न करना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए अब 12 घंटे की शिफ्ट होगी। इसके लिए सभी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया की जा रही है। हाई मास्ट लाइट लगाने सहित सभी बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि सुबह आठ से रात आठ बजे तक सुविधा के मुताबिक आवेदकों को टेस्ट में शामिल होने का मौका मिल सके। इसके लिए टाइमिंग स्लॉट अलॉट किए जाएंगे।
More Stories
डी.एच क्रिकेट की रोमांचक जीत! विराज के विस्फोटक शतकीय पारी ने मचाया कोहराम!
ककरौली उपचुनाव में हिंसा और पथराव, पुलिस पर हमला, 120 पर मामला दर्ज
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी हमला, 32 लोगों की मौत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुयाना दौरा, राष्ट्रपति इरफान अली ने किया स्वागत
पोक्सो एक्ट में वांछित अपराधी को द्वारका एएटीएस ने किया गिरफ्तार
पर्थ टेस्ट से पहले कप्तान बुमराह का दिखा अलग रूप, प्लेइंग इलेवन पर साधी चुप्पी