काबुल/शिव कुमार यादव/- अफगानिस्तान में शनिवार दोपहर को आए 6.3 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 2,053 के पार हो गया है। वहीं, घायलों की संख्या 9,000 के पार चली गई है। भूकंप की वजह से हेरात क्षेत्र में लगभग 6 गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और सैकड़ों नागरिक मलबे के नीचे दब गए हैं। 3 घंटे के अंदर यहां 6 आफ्टर शॉक भी आए थे। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हेरात शहर से करीब 40 किमी की दूरी पर था।
अलजजीरा के मुताबिक, अफगानिस्तान की इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता अब्दुल वाहिद रेयान ने कहा कि हेरात में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा बताई गई संख्या से ज्यादा है। उन्होंने मलबे में फंसे लोगों की मदद करने की अपील की है।
अफगानिस्तान में भूकंप से 465 घर तबाह
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भी एनजीओ से लोगों के लिए जल्द से जल्द टेंट, खाना और दवाइयों की मांग की है। वहीं मानवीय मामलों के लिए बने यूएन ऑफिस के एक अपडेट में कहा गया है कि 465 घर तबाह हो गए हैं। इसके अलावा 135 घरों को नुकसान पहुंचा है।
अफगानिस्तान के समय के मुताबिक, भूकंप शनिवार सुबह करीब 11 बजे (भारतीय समय से 12 बजे) आया था। शुरुआती दौर में मरने वालों की संख्या 100 ही बताई गई थी। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, अफगानिस्तान में आए आफ्टर शॉक्स की तीव्रता 4.6 से 6.3 के बीच रही।
2022 के भूकंप में मारे गए थे 1 हजार लोग
इससे पहले अफगानिस्तान में 14 सितंबर को भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। मार्च में अफगानिस्तान में आए भूकंप में करीब 13 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 300 लोग घायल हुए थे। अफगानिस्तान में आखिरी बड़ा भूकंपी जून 2022 में आया था। इसकी तीव्रता 6.1 रही थी। पक्तिका प्रान्त में आए भूकंप में करीब हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं 1500 लोग घायल हो गए थे।
क्यों आता है भूकंप?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
More Stories
डी.एच क्रिकेट की रोमांचक जीत! विराज के विस्फोटक शतकीय पारी ने मचाया कोहराम!
ककरौली उपचुनाव में हिंसा और पथराव, पुलिस पर हमला, 120 पर मामला दर्ज
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी हमला, 32 लोगों की मौत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुयाना दौरा, राष्ट्रपति इरफान अली ने किया स्वागत
पोक्सो एक्ट में वांछित अपराधी को द्वारका एएटीएस ने किया गिरफ्तार
पर्थ टेस्ट से पहले कप्तान बुमराह का दिखा अलग रूप, प्लेइंग इलेवन पर साधी चुप्पी