पीला सागर/शिव कुमार यादव/- दूसरे देशों के जहाजों व पनडुब्बियों को फंसाने के लिए चीन द्वारा पीले सागर में बिछाये गये चेन एंड एंकर ट्रैप में अब उसकी ही परमाणु पनडुब्बी फंस गई है। जिसके चलते चीन के 55 ऑफिसर्स की मौत हो गई है। दुनिया भर में कई वैध और अवैध मिशन को अंजाम देने वाला चीन इस बार अपने ही बनाए जाल में फंस गया है। पीला सागर में चीन का एक परमाणु पनडुब्बी समुद्र की तलहटी में चीन द्वारा ही बनाए गए चेन एंड एंकर ट्रैप में फंस गया। इस ट्रैप में लगभग 6 घंटे तक ये सबमरीन फंसा रहा।
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों ने समंदर की गहराइयों में चीन की हरकतों को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पीला सागर में अपने दुश्मन देशों की पनडुब्बियों को फंसाने और छकाने के लिए एक किस्म का अवरोधक बनाया है जिसे चेन एंड एंकर ट्रैपके नाम से जाना जाता है। लेकिन दुश्मन के लिए बनाए गए इस ट्रैप में कुछ हफ्तों पहले चीन का एक न्यूक्लियर पनडुब्बी फंस गया। इस घटना में चीन को व्यापक हानि हुई है। ब्रिटेन की एक बेहद खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पानी के अंदर चीन में इस न्यूक्लियर पनडुब्बी के फंसने से चाइनीज नेवी के 22 ऑफिसर, 7 ऑफिसर कैडेट, 9 पेटी ऑफिसर्स, और 17 दक्ष नाविकों की मौत हो गई। इस तरह से इस घटना में चीन के कुल 55 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई है।
फिलहाल चीन ने हमेशा की तरह 21 अगस्त 2023 की इस घटना से इनकार किया है। ब्रिटेन की टॉप क्लास खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि चाइनीज नेवी के ऑफिसरों की मौत की वजह सबमरीन (पनडुब्बी) के ऑक्सीजन सिस्टम में आई खराबी थी। इस तकनीकी खराबी की वजह से पानी के अंदर फंसे सबमरीन का पूरा वातावरण दमघोंटू हो गया है। इस वजह से सैन्यकर्मियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई। ब्रिटेन के अखबार द मिरर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस दुर्घटना में मरने वालों में चाइनीज पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी के सबमरीन संख्या 093-417 के कैप्टन भी शामिल थे।
खास बात यह है कि जब ये घटना हुई तो चीन ने इससे साफ इनकार कर दिया। यही नहीं चीन ने कथित रूप से पनडुब्बी में फंसे नौसैनिकों के रेस्क्यू के लिए किसी भी तरह की विदेशी सहायता लेने से भी इनकार कर दिया। चीन का ये सबमरीन 15 साल से सर्विस में है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने इस घटना के बारे में लिखा है, “21 अगस्त को स्थानीय समयानुसार 08ः12 बजे पीला सागर में एक मिशन के दौरान एक जहाज पर दुर्घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप 55 चालक दल के सदस्यों की मृत्यु हो गई, जिनमें 22 अधिकारी, 7 अधिकारी कैडेट, 9 छोटे अधिकारी और 17 नाविक शामिल थे। मृतकों में कैप्टन कर्नल जू योंग-पेंग भी थें“
अपने ही जाल में फंसी चीनी पनडुब्बी!
रिपोर्ट में आगे लिखा गया है, “ऐसा माना जाता है कि इनकी मौत पनडुब्बी पर हाइपोक्सिया के कारण हुई थी। ये स्थिति सिस्टम फेल्योर के कारण पैदा हुई थी।“ रिपोर्ट के अनुसार ये पनडुब्बी चीनी नौसेना की ओर से अमेरिकी और दूसरे देशों की पनडुब्बियों को फंसाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चेन एंड एंकर ट्रैप से टकरा गई। इससे इस पनडुब्बी का सिस्टम खराब हो गया। इसकी मरम्मत में और पनडुब्बी को फिर से सतह पर लाने में 6 घंटे लग गए। इस दौरान जहाज का ऑक्सीजन सिस्टम भयावह रूप से खराब हो गया।“ बीजिंग ने इस घटना के बारे में अटकलों को पूरी तरह से गलत बताया है और ताइवान ने भी इंटरनेट रिपोर्टों का खंडन किया है लेकिन यूके का दावा है की उसकी ये रिपोर्ट रक्षा खुफिया जानकारी पर जारी की गई है।
क्या है चेन एंड एंकर ट्रैप ?
अब हम आपको बताते हैं कि चेन और एंकर ट्रैप क्या होता है, जिसमें चीन का न्यूक्लियर पनडुब्बी फंस गया। दरअसल चेन और एंकर ट्रैप समंदर की तलहटी में पनडुब्बियों को तबाह करने वाला एक उपकरण है। इसमें एक भारी चेन होती है जो दो एंकरों के बीच लटकी होती है, जिन्हें समुद्र के तल पर बिछा दिया जाता है। चेन को आमतौर पर धातु की गेंदों या अन्य वस्तुओं से भारी बनाया जाता है, और यह कई मील लंबी हो सकती है। जब एक पनडुब्बी चेन और एंकर ट्रैप से टकराती है, तो वह आसानी से इस चेन में उलझ सकती है। चेन का वजन पनडुब्बी के पतवार और प्रोपेलर को नुकसान पहुंचा सकता है, और यह पनडुब्बी को हिलने से भी रोकता है। कुछ मामलों में, पनडुब्बी को चेन द्वारा समुद्र के तल तक भी खींचा जा सकता है। चेन और एंकर ट्रैप अक्सर रणनीतिक स्थानों पर लगाए जाते हैं, जैसे कि चोकपॉइंट या महत्वपूर्ण शिपिंग लेन के पास। इनका उपयोग बंदरगाहों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए भी किया जा सकता है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों का दावा है कि पीला सागर में चीन ने इस ट्रैप को अपने दुश्मनों के लिए लगाया था लेकिन इस बार इसमें उसकी ही पनडुब्बी फंस गई।
कहां है पीला सागर? क्या है इसका रणनीतिक महत्व
पीला सागर पूर्वी एशिया में स्थित सागर है। यह उत्तर में चीन, पूर्व में कोरियाई प्रायद्वीप, दक्षिण में जापान के दक्षिणी द्वीपों, और पश्चिम में पूर्वी चीन सागर से घिरा हुआ है। पीला सागर चीन के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहां चीन मछली पकड़ने का व्यावसायिक काम करता है। यहां तेल और गैस के महत्वपूर्ण भंडार भी हैं। 2022 में, चीन ने पीला सागर से लगभग 100 मिलियन टन तेल और 10 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस निकाला। इसके अलावा, पीला सागर चीन के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है। 2022 में, चीन ने पीला सागर के माध्यम से लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार किया। 2023 में, चीन ने पीला सागर में एक नए समुद्री बेस का निर्माण शुरू किया है। यह आधार चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
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