नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- विपक्षी पार्टियों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। इंडिया अलायन्स और अन्य विपक्षी दल राज्यसभा के सभापति धनखड़ के कथित पक्षपातपूर्ण रवैये से नाराज हैं।
प्रस्ताव लाने पर संसदीय प्रक्रिया में असमंजस
हालांकि, 9 अगस्त को विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रस्ताव किस प्रकार लगाया जाएगा। संसद की कार्यवाही रुकी होने के कारण इस प्रक्रिया पर संदेह बना हुआ है।
प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया और कानूनी राय
सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के अनुसार, उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए 14 दिन पहले लिखित नोटिस देना आवश्यक होता है, और उसके बाद उपस्थित सदस्यों के बहुमत से उपराष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है। यह प्रस्ताव 50 सदस्यों के हस्ताक्षर से सचिवालय में भेजा जाता है।
उपराष्ट्रपति पर विपक्ष की नाराजगी
विपक्ष का कहना है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ राज्यसभा में पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं, जिससे उनके प्रति नाराजगी बढ़ रही है। विपक्ष का आरोप है कि उनके इशारे पर नेता विपक्ष का माइक्रोफोन बार-बार बंद किया जा रहा है और संसदीय नियमों का पालन नहीं हो रहा है। हाल ही में उपराष्ट्रपति और इंडिया ब्लॉक के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई थी।
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