
कलकत्ता/सिमरन मोरया/- मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर शनिवार को राज्यपाल ने भी पीड़ितों से मुलाकात की थी। राज्यपाल के अलावा महिला आयोग के सदस्यों ने भी प्रभावित इलाके का दौरा कर स्थानीय लोगों का दर्द जानने की कोशिश की थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हो रही हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदारी बताया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में जहां भी हिंसा भड़की है उसके पीछे बीजेपी का हाथ होता है। वो सांप्रदायिक हिंसा को भड़काते हैं। ममता बनर्जी ने एक ओपन लेटर में लिखा कि पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले आरएसएस और बीजेपी हैं। राज्य के लोगों को बेहद सावधान रहना चाहिए कि वो किसी के उकसावे में न फंसें। पश्चिम बंगाल में बीजेपी और उसके सहयोगी अचानक बहुत आक्रामक हो गए हैं। ये ताकतें उकसावे के कारण हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल कर रही हैं। वे इस पृष्ठभूमि का इस्तेमाल विभाजनकारी राजनीति करने के लिए कर रहे हैं।

आपको बता दें कि मुर्शिदाबाद में बीते दिनों हिंसा के बाद हालात अभी तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। सूबे के राज्यपाल ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने हिंसा पीड़ितों से बात की थी. साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान कई महिलाएं रो पड़ीं और केंद्रीय बलों की स्थायी तैनाती की गुहार लगाई।

एक महिला ने रोते हुए और प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पैर छूते हुए कहा कि हम यहां स्थायी बीएसएफ शिविरों के बिना जीवित नहीं रह सकते। यदि आवश्यकता हुई, तो हम उन्हें स्थापित करने के लिए अपनी जमीन और घर देने के लिए तैयार हैं। एनसीडब्ल्यू की टीम ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंचाया जाएगा।
शनिवार के दौरे से पहले ही एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने क्षेत्र में स्थायी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) शिविरों की आवश्यकता पर जोर दिया था. मजूमदार ने शुक्रवार को कहा था कि मुर्शिदाबाद में पीड़ित महिलाओं ने अपनी गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ की स्थायी तैनाती की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। हम इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे। इस बीच मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने संपत्ति के नुकसान पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, अशांति के दौरान 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की गई। एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआती अनुमान है. विस्तृत आकलन पूरा होने पर वास्तविक आंकड़ा बढ़ सकता है।
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