पैतृक गांव पंहुचा शहीद देवेंद्र सिंह राणा का पार्थिव शरीर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी शहीद को श्रद्धांजलि

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
January 25, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

पैतृक गांव पंहुचा शहीद देवेंद्र सिंह राणा का पार्थिव शरीर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी शहीद को श्रद्धांजलि

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देहरादून/नई दिल्ली/मनोजीत सिंह/भावना शर्मा/-  देश की रक्षा की जब आती है तो सैनिक प्रदेश कहलाने वाला देवभूमि उत्तराखण्ड वीरता में हमेशा सबसे आगे रहा है। यहाँ का जवान सबसे आगे रह कर अपनी वीरता और बलिदान का शानदार उदहारण पेश करता है। आज एक बार फिर ऐसा ही हुआ. रुद्रपयाग जिले के रहने वाले शहीद हवलदार देवेंद्र सिंह राणा का आज पार्थिव शरीर  गुप्तकाशी से सेना के वाहन से ससम्मान  उनके पैतृक गाँव पहुंचा। शहीद के सम्मान में स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुप्तकाशी हेलीपैड पर शहीद को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत व डीएम मंगेश घिल्डियाल भी मौजूद थे। सैकड़ों की संख्या में लोगों, सेना के जवानों ने भी शहीद को नम आंखों अपनी श्रद्धांजलि दी। शहीद हवलदार राणा ने करीब 18 साल देश की सेवा करते हुए देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद हो गये।.

शहीद देवेंद्र सिंह राणा को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत


                                            यहां बता दें कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 5 पैरा कमांडो शहीद हो गए थे। पाँचों आतंकवादियों को मौत के घाट उतार कर इन पांचों भारत माँ के लालों ने अपनी जान देश के नाम कुर्बान कर दी। शहीद राणा का परिवार ऋषिकेश के पास छिद्दरवाला में किराये के मकान में रहता है। उनके बच्चे वहीँ स्कूल में पढ़ते हैं। कल सुबह बच्चे गाँव पहुंचे थे। सेना के वाहन से जैसे ही शहीद होने की खबर परिवार को पता लगी तो घर में मातम छा गया। बीते तीन अप्रैल को अपनी पत्नी को राणा ने फोन किया था। कहा था ‘एक खास मिशन पर जा रहा हूं, उसे पूरा करने के बाद तुमसे बात करूंगा.’। बीती तीन अप्रैल को हवलदार देवेंद्र सिंह राणा (39 वर्ष) ने फोन पर यह बात पत्नी विनीता से तब कही थी। जब वह आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर की ओर रवाना हो रहे थे मिशन पूरा हुआ और पांच आतंकवादी ढेर कर दिए गए, लेकिन देवेंद्र को भी देश के लिए शहादत देनी पड़ी। यह खबर सुनकर पत्नी विनीता बेसुध है। उनकी बेटी आंचल (14) व बेटा आयुष (12) केंद्रीय विद्यालय रायवाला में पढ़ रहे हैं. जबकि, पिता भूपाल सिंह राणा, मां कुंवरी देवी व छोटा भाई गांव में ही रहते हैं। देवेंद्र बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर में छुट्टी पर छिद्दरवाला आए थे। उनके पैतृक गाँव तिनसोली में  भीरी स्थित पैत्रिक घाट पर उन्हें सैकड़ों ग्रामीणों ने अंतिम विदाई दी। बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि देते हुए सेना में जाने की बात कही ताकि वह भी देश सेवा कर सके। अब देखना यह है कि शहीद होकर एक देश का नागरिक व सिपाही तो चला गया लेकिन उसके पीछे उसका परिवार कैसे रह पाता है। सरकार को चाहिए ऐसे शहिदों के परिवारों को सरकार विशेष सुविधायें प्रदान करें। ताकि उन्हे कभी कोई तकलीफ या परेशानी न हो। और देश को शर्मिंदा न होना पड़े। हालांकि सरकार एक शहीद के सम्मान के लिए काफी आर्थिक मदद करती है। लेकिन वह सब उन्हे समय पर मिले सरकार इसका उचित प्रबंध करें।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox