
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/शामली-उत्तर प्रदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- बाजार में अगर आप चीकू खरीदने जाओ और फल वाला आपको आलू दे दे और आपको पता भी ना हो तो आपको कैसा झटका लगेगा? ये तो सिर्फ एक ग्रहणी जान सकती है। ऐसा ही एक घोर लापरवाही का मामला शामली के कांधला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला है। दरअसल स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना का टीका लगवाने पंहुची तीन महिलाआंे को एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया जिसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। ऐसे में महिलाओं के परिजनों ने डीएम को अपनी शिकायत दी, जिसके बाद डीएम ने इस मामले पर जांच के आदेश दिए है।
मोहल्ला सरावज्ञान निवासी सरोज (70 वर्ष) पत्नी स्वर्गीय जगदीश, नगर रेलवे मंडी निवासी अनारकली (72 वर्ष) और सत्यवती (62 वर्ष) के साथ सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज लगवाने गईं थीं। घर आने पर महिला सरोज को तेज चक्कर आने और घबराहट होने लगी। इसके बाद परिजन उसे निजी चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने सीएचसी से दिए गए पर्चे को देखा तो उस पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगाना लिखा हुआ था। बाद में अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे देखे गए तो उन पर भी एंटी रेबीज दर्ज थी। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. बिजेंद्र सिंह का कहना है कि तीन महिलाओं को एंटी रैबीज लगाने का मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जा रही है।
कोरोना टीकाकरण कक्ष में ऐसा संभव नहीं
– डॉक्टर संजय अग्रवाल, सीएमओ
एंटी रैबीज और कोरोना टीकाकरण अलग-अलग स्थान पर हो रहा है। कोरोना सेंटर पर एंटी रैबीज का टीका होता ही नहीं है, दोनों जगह पर स्टाफ भी अलग-अलग होता है। महिलाएं गलती से एंटी रैबीज कक्ष में गई होंगी। सीएचसी प्रभारी को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
डीएम जसजीत कौर ने बताया कि एसडीएम कैराना सहित दो अधिकारियों को जांच के लिए लगाया गया हैं। दोनों अधिकारी आज अस्पताल में जांच और पीड़ित महिलाओं के बयान लेंगे। इसके बाद प्रकरण की जांच की जाएगी। जसजीत कौर का कहना है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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