
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में दिन-प्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है। एक समय था जब दिल्ली में कुल 50 मामले थे तो लोग घरों में थे लेकिन अब जबकि कोरोना मरीजो का आंकड़ा 6318 हो गया है तो फिर भी लोग सड़कों व बाजारों में खुलेआम घूम रहे है। हालांकि दिल्ली सरकार ने लाॅक डाउन में कुछ छूट जरूरी दी है फिर भी प्रशासन लोगों का धरों में रहने के लिए जागरूक कर रहा। कुछ स्वास्थ्य संगठनों व सामाजिक संस्थाओं ने शराब बंदी के खुलने से कोरोना मरीजों की संख्या में आये तेजी से उछाल को दिल्ली के लिए गंभीर खतरा बताया है।
यहां बता दे कि मार्च में जब कोरोना वायरस के कारण देश लाॅक डाउन किया गया था तो उस समय सभी इस बिमारी से काफी भयभीत दिखाई दे रहे थे। और लगभग पूरा देश लाॅक डाउन का पालन कर रहा था। लेकिन जैसे ही सरकार ने तीसरे लाॅक डाउन में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लाॅक डाउन के नियमों में कुछ छूट दी वैसे ही लोग सड़कों पर इस तरह उतर आये की मानो कोरोना वायरस कभी था ही नही। दिल्ली में छूट से पहले 3300 कोराना के मरीज थे लेकिन जब से शराब की सेल शुरू हुई तब से दिल्ली में कोरोना ग्राफ एकदम से डबल हो गया है। हालांकि इस स्थिति में एम्स दिल्ली के निदेशक श्री गुलेरिया ने चिंता व्यक्त की थी और लोगों को व सरकार को आगाह किया था कि जुलाई तक कोरोना देश में अपने चरम पर होगा। और इसमें काफी जनधन की हानि भी होगी। फिर भी न तो सरकार ही इस ओर ध्यान दे रही है और न ही लोग। चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो यह लापरवाही सभी को भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कम से कम जुलाई तक सरकार को जरूरी चीजों को छोड़कर बाकि मे ढील नही देनी चाहिए थी। अभी देश को लाॅक डाउन मे ंरहने की जरूरत है वर्ना अगर इसी तरह से कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ती रही तो स्थिति भयावह हो सकती है। हालांकि दिल्ली में अभी तक कोरोना से रिकवरी का रेट 32 फीसदी के करीब है और मृत्युदर 1.8 प्रतिशत के करीब है। जिसकारण सरकार के हिसाब से स्थिति पूरी तरह से नियन्त्रण में है। लेकिन अगर हम अभी कुछ दिन और नही संभले तो यह स्थिति विस्फोटक भी हो सकती है। इसलिए लाॅक डाउन का पालन करते हुए अभी घरों में रहें और सुरक्षित रहे। अगर बहुत जरूरी है तभी घर से निकले वो भी मास्क व सैनिटाइजर के साथ। हमें इस कोरोना के ग्राफ को गिराना है न कि बढ़ाना। हालांकि देश में कुछ राज्यों ने कोरोना को मात दी है और आज वहां कोई केस नही है लेकिन दिल्ली जैसे राज्य में जहां रोजाना 300 से 350 केस बढ़ रहे है वहां थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।
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